#NewsBytesExplainer: कौन हैं IPS अधिकारी प्रभाकर चौधरी, कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के बाद तबादले का मामला क्या?
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रहे IPS अधिकारी प्रभाकर चौधरी के तबादले को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। बरेली में रविवार शाम को कांवड़ियों के एक समूह पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद चौधरी का देर रात 32वीं वाहिनी प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (PAC) के सेनानायक के तौर पर ट्रांसफर कर दिया गया। आइए जानते हैं कि प्रभाकर चौधरी कौन हैं और बरेली से उनके ट्रांसफर का मामला क्या है।
चौधरी को पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा में मिली थी सफलता
1 जनवरी, 1984 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में जन्मे प्रभाकर चौधरी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से BSc पूरी करने के बाद LLB की पढ़ाई की थी। वह अपने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर 2010 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हो गए थे। वह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
कई जिलों की कमान संभाल चुके हैं चौधरी
चौधरी देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में SSP की जिम्मेदारी भी संभाली है। साफ और ईमानदार छवि की पहचान बनाने वाले चौधरी का करीब 20 बार ट्रांसफर हो चुका है। बरेली में तैनाती से पहले चौधरी मेरठ के SSP थे, जहां उनका कार्यकाल 1 साल रहा था, जबकि अन्य जिलों में तैनाती के कुछ महीनों के अंदर उनके ट्रांसफर हो गए थे।
पहले भी कई बार चर्चा का केंद्र रह चुके हैं चौधरी
तेजतर्रार छवि के साथ चौधरी अपने सादे और सरल व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 2016 में कानपुर देहात का SP बनने पर अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए रोडवेज बस और ऑटो का विकल्प चुना था, जिसके बाद वह चर्चा में आए थे। चौधरी ने एक बचाव अभियान के दौरान घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपनी कार का इस्तेमाल करके भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं चौधरी
प्रभाकर चौधरी को उनकी कार्यशैली के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (DG) की कमेंडेशन डिस्क (सिल्वर, गोल्ड और प्लैटिनम) से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चौधरी को उनकी उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और निस्वार्थ सार्वजनिक सेवा के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया था।
क्या है कांवड़ियों पर लाठीचार्ज का मामला?
बतौर रिपोर्ट्स, बरेली में कांवड़ियों का एक समूह कथित तौर पर जोगी नवादा इलाके में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरते हुए जुलूस निकालने की जिद कर रहा था। पुलिस द्वारा अनधिकृत मार्ग से जुलूस नहीं निकलने देने की बात कहने पर भी समूह अपनी जिद पर अडिग रहा। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए कांवड़ियों पर बल का प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज कर दिया। कुछ दिन पहले इसी इलाके में कांवड़ियों पर पथराव हुआ था।
क्यों किया गया चौधरी का ट्रांसफर?
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार देर रात प्रभाकर चौधरी समेत अन्य कई पुलिस अधिकारियों का तबादला किया। हालांकि, चौधरी के ट्रांसफर को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पहला कारण पुलिस का कांवड़ियों के जत्थे पर लाठीचार्ज करने का है। दूसरा कारण चौधरी के बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जत्थे में कुछ आसामाजिक तत्व मौजूद थे, जो शराब के नशे में थे और कुछ अन्य के पास अवैध हथियार थे।