
कांग्रेस नेताओं ने की UCC पर चर्चा, पार्टी आलाकमान को दी बारीक नजर रखने की सलाह
क्या है खबर?
कांग्रेस के शीर्ष कानून विशेषज्ञ नेताओं ने शनिवार को समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर चर्चा की।
इस अनौपचारिक चर्चा में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, अभिषेक एम सिंघवी, विवेक तन्खा, मनीष तिवारी और केटीएस तुलसी शामिल हुए और UCC के कानूनी और सामाजिक पहलुओं पर डेढ़ घंटे से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया।
बतौर रिपोर्ट्स, इन नेताओं ने पार्टी आलाकमान को UCC पर बारीकी से नजर बनाए रखने की सलाह दी है।
रिपोर्ट
चर्चा के दौरान नेताओं ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पार्टी को UCC पर सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाना चाहिए क्योंकि यह मुद्दा जटिल है।
नेताओं ने कहा कि भाजपा चाहेगी कि कांग्रेस UCC के पक्ष या विपक्ष में कोई रुख अपनाए, लेकिन पार्टी को कोई भी निर्णय लेने से पहले विभिन्न पहलुओं पर गौर करना होगा।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कानूनों में संशोधन करके पर्सनल लॉ में भी सुधार लाया जा सकता है।
बयान
सरकार की मंशा पर निर्भर करेगा पार्टी का निर्णय- कांग्रेस नेता
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम प्रस्तावित UCC में विरासत की समानता जैसे अन्य पहलुओं का समर्थन करेंगे, लेकिन हम एकरूपता थोपने का विरोध करेंगे। यह सब कुछ सरकार की मंशा पर निर्भर करता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें यह देखना होगा कि क्या सरकार व्यक्तिगत कानूनों में सुधार के प्रति ईमानदार है या वह सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखते हुए कुछ समुदायों को लक्षित करने के लिए एक विधेयक लाएगी।"
मामला
UCC पर विधेयक के मसौदे का इंतजार कर रही है
कांग्रेस ने इस महीने की शुरुआत में UCC पर अगला कदम उठाने और विधेयक लाने के लिए केंद्र सरकार का इंतजार करने का फैसला किया था।
कांग्रेस ने विधेयक के अभाव में अन्य पार्टियों के फैसले से अलग राह अपनाते हुए UCC का विरोध करने में जल्दीबाजी दिखाने से परहेज किया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में UCC का समर्थन किया था।
विधेयक
मानसून सत्र में विधेयक पेश कर सकती है मोदी सरकार
केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में UCC पर विधेयक पेश कर सकती है।
बतौर रिपोर्ट्स, केंद्र सरकार जल्द UCC के मसौदे को संसदीय स्थायी समिति के पास भेज सकती है, जिसके बाद समिति मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों की राय ली जाएगी और फिर इस पर विधेयक लाया जा सकता है।
बता दें कि समिति ने UCC पर विधि आयोग के सार्वजनिक नोटिस पर लोगों की राय जानने के लिए कानून मंत्रालय के विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया था।
कानून
क्या है UCC?
UCC का मतलब है कि देश के सभी वर्गों पर एक समान कानून लागू होना।
अभी देश में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर सभी धर्मों के अपने अलग-अलग निजी कानून हैं और वह उन्हीं के मुताबिक चलते हैं। UCC लागू होने पर सभी धर्मों के लोगों को इन मुद्दों पर भी एक जैसे कानून का पालन करना होगा।
हालांकि, यह महज एक अवधारणा है और विस्तार में इसका रूप कैसा होगा, इस पर फिलहाल कुछ तय नहीं है।