कलकत्ता हाई कोर्ट का भवानीपुर उपचुनाव पर रोक लगाने से इनकार, तय समय पर होगा मतदान
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में भवानीपुर सीट से उपचुनाव की तैयारियों में जुटी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
हाई कोर्ट ने भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए निर्धारित समय पर चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्णय में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। ऐसे में अब उपचुनाव की बाधा खत्म हो गई है।
याचिका
मुख्य सचिव के पत्र के आधार पर की थी उपचुनाव पर रोक की मांग
बता दें कि सयान बनर्जी कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए भवानीपुर उपचुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी।
उन्होंने याचिका में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव द्वारा चुनाव आयोग को लिखे पत्र को आधार बनाया था।
याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट में कहा था कि उसने संवैधानिक अनिवार्यता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध पर भबनीपुर में उपचुनाव कराने का फैसला किया है।
दलील
याचिकाकर्ता ने मुख्य सचिव के पत्र को बताया था संविधान का उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर भवानीपुर सीट पर उपचुनाव कराने की मांग करना भारतीय संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे में इस चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए।
बता दें कि मुख्य सचिव ने आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि यदि भवानीपुर में तत्काल उपचुनाव नहीं कराए गए तो राज्य में एक संवैधानिक संकट पैदा होने का खतरा बढ़ जाएगा।
सुनवाई
तय कार्यक्रम के अनुसार होगा उपचुनाव- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा, "चूंकि चुनाव की प्रक्रिया 4 सितंबर, 2021 को एक प्रेस नोट से शुरू की गई थी और मतदान 30 सितंबर को होना है। हम इस स्तर पर उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के निर्णय में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझते हैं।"
कोर्ट ने कहा, "ऐसे में भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव का रद्द नहीं किया जाएगा और मतदान गुरुवार को ही होगा।"
टिप्पणी
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव के पत्र पर की कड़ी टिप्पणी
हालांकि, हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव द्वारा संवैधानिक अनिवार्यता को देखते हुए भवानीपुर सीट पर उपचुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को लिखे पत्र पर भी कड़ी टिप्पणी की है।
कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव को एक लोक सेवक होने के नाते अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है फिर चाहे सत्ता में कोई भी हो। वह यह सुनिश्चित नहीं कर सकता कि कौन सत्ता में आए और किसके नहीं होने से संवैधानिक संकट पैदा होगा।
सवाल
इस उपचुनाव का खर्च कौन उठाएगा?
हाई कोर्ट ने कहा कि कुछ लोग चुनाव जीतने के बाद विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे देते हैं। अब कोई किसी को फिर से सीट जीतने का मौका देने के लिए इस्तीफा दे रहा है। इस चुनाव का खर्च कौन उठाएगा? इस चुनाव के लिए करदाताओं का पैसा क्यों खर्च किया जाना चाहिए?
कोर्ट ने आयोग से पूछा कि सिर्फ भवानीपुर में ही उपचुनाव की अनुमति क्यों दी गई और उपचुनाव नहीं कराने से संवैधानिक संकट पैदा कैसे पैदा होता।
जानकारी
सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने दिया था भवानीपुर सीट से इस्तीफा
बता दें कि भवानीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने चुनाव जीता था, लेकिन उन्होंने पार्टी प्रमुख को विधानसभा तक पहुंचाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।
उपचुनाव
भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को होगा उपचुनाव
बता दें कि भवानीपुर, जांगीरपुर और समसेरगंज विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने भाजपा ने प्रियंका टिबरेवाल को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। 3 अक्टूबर को मतगणना के बाद नतीजा घोषित कर दिया जाएगा।
मु्ख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को यह चुनाव जीतना होगा। अगर वो हार जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी होगी।