रोम यात्रा की मंजूरी न देने के लिए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ल्ड पीस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए रोम जाने की इजाजत नहीं दी है। भवानीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान ममता ने कहा, "केंद्र सरकार ने शनिवार को हमें पत्र भेजा है। उन्होंने राजनीतिक मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। ऐसा क्यों किया है? क्या वहां जाना मुख्यमंत्री का अधिकार नहीं है?" आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
ममता को किस कार्यक्रम में शामिल होना था?
अगले महीने इटली की राजधानी रोम में वर्ल्ड पीस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होना है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पोप, जर्मनी के चांसलर, इटली के प्रधानमंत्री और ममता बनर्जी आदि को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम का आमंत्रण पाने वालीं ममता बनर्जी अकेली भारतीय हैं। उन्हें रोम के एक कैथोलिक एसोसिएशन सैंट एगिडियो के प्रमुख ने आमंत्रण भेजा था। इसमें शामिल होने के लिए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से रोम जाने की इजाजत मांगी थी।
केंद्र सरकार ने क्यों मना किया?
द टेलीग्राफ ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि विदेश मंत्रालय ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि इस कार्यक्रम में भागीदारी करना मुख्यमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। केंद्र की तरफ से मंजूरी नहीं दिए जाने पर ममता बनर्जी ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को उनसे ईर्ष्या है और इसीलिए उनका अपमान किया गया है।
ममता ने उठाए सवाल
ममता ने कहा, "इटली ने शांति और भाईचारे की इस बड़ी कॉन्फ्रेंस की इजाजत दी है। नहीं तो भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश से किसी को भी कोरोना महामारी के कारण वहां जाने की इजाजत नहीं है। इस दौरे के साथ देश का गौरव जुड़ा हुआ था। इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हो रहे थे। आप हिंदू की बात करते रहते हैं। मुझे हिंदू के तौर पर वहां बुलाया गया था, फिर आने मुझे क्यों नहीं जाने दिया?"
ईर्ष्या के कारण नहीं दी गई इजाजत- ममता
प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे का संदर्भ देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "किसी को यूरोप, अमेरिका और ब्रिटेन जाने की इजाजत नहीं है क्योंकि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन को WHO से मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री विशेष अनुमति लेकर गए। हम उनके दौरे के खिलाफ नहीं हैं, कई मौकों पर उन्हें जाना पड़ता है, लेकिन आपने मुझे प्रतिनिधित्व करने से क्यों रोका?" उन्होंने कहा कि ईर्ष्या के कारण उन्हें इजाजत नहीं दी गई।
भाजपा नेता ने भी उठाए सवाल
ममता बनर्जी को इटली जाने की इजाजत न दिए जाने पर तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए नेता रिटायर्ड कर्नल दीप्तांघसू चौधरी ने केंद्र सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर सवाल करते हुए लिखा कि एक 'हिंदू प्रेमी' भारत सरकार रोम में सभी धर्मों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक उदारवादी हिंदू महिला को शामिल होने की अनुमति कैसे नहीं दे सकती है? क्या यह ईर्ष्या, बदला या नैतिकता की निचला स्तर है।