पश्चिम बंगाल: चुनाव प्रचार के दौरान दिलीप घोष के साथ धक्कामुक्की, सुरक्षाकर्मियों ने लहराया पिस्तौल

भवानीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को सोमवार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। घोष की पथसभा के दौरान तृणमूल कांग्रेस समर्थकों का विरोध हिंसा में बदल गया और उन्हें प्रचार अभियान बीच में छोड़कर जाना पड़ा। दोनों पक्षों में हुई झड़प में एक भाजपा कार्यकर्ता को भी चोट आई है। पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांता मजूमदार ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने दिलीप घोष के साथ धक्कामुक्की की थी।
भवानीपुर उपचुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है और भाजपा ने यहां से अपनी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के समर्थन में कई बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जादू बाबर बाजार में प्रचार कर रहे दिलीप घोष के खिलाफ तृणमूल समर्थक नारेबाजी करने लगे। थोड़ी ही देर बाद तृणमूल समर्थकों, भाजपा कार्यकर्ताओं और घोष के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई। हालात देखकर घोष वापस हो गए और अपने समर्थकों को भी बुला लिया।
इसी बीच तृणमूल समर्थकों ने एक भाजपा कार्यकर्ता को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि उसके सिर से खून बह रहा है और वह तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है। बाद में उसे पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता अस्पताल लेकर गए। इसी दौरान घोष अपना प्रचार अभियान बीच में खत्म कर वापस लौट आए। भाजपा ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है।
ट्विटर पर दिलीप घोष द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में दिख रहा है कि उनके सुरक्षाकर्मी लोगों को डराने के लिए पिस्तौल हवा में लहरा रहे हैं। उनका यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
1.1 How safe is the life of the common man in this state when public representative is being attacked in Bhabanipur, the home turf of Madam Chief Minister ? pic.twitter.com/bgU2DLqEiu
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) September 27, 2021
घटना के बाद प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा, "हमारे लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। उन्होंने हमारे कार्यकर्ता का सिर फोड़ दिया और मुझे भी लात मारी गई। मुझे नहीं पता ऐसी स्थिति में उपचुनाव कैसे होंगे। लोकतंत्र कहां है? हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे, लेकिन मैं नहीं जानता कि लोग अपना वोट कैसे डालेंगे।" उन्होंने पूछा कि जब एक जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है तो आम लोगों की सुरक्षा का क्या होगा?
भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौत रॉय ने कहा कि कुछ लोग दिलीप घोष के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ कई आपत्तिजनक बातें बोली थीं, इसलिए लोग उसका विरोध करने लगे। उन्होंने कहा, "दिलीप घोष ने सुरक्षाकर्मियों को पिस्तौल लहराने के लिए उकसाया था। हम ऐसे विरोध का समर्थन नहीं करते, लेकिन घोष को मुख्यमंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां करने से बचना चाहिए।"
भवानीपुर विधानसभा पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा। मुख्यमंत्री ममा बनर्जी खुद इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने भाजपा ने प्रियंका टिबरेवाल को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। 3 अक्टूबर को मतगणना के बाद नतीजा घोषित कर दिया जाएगा। मु्ख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को यह चुनाव जीतना होगा। अगर वो हार जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी होगी।