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कौन हैं वाईएस शर्मिला और उनके शामिल होने से कांग्रेस को आंध्र में क्या फायदा होगा?
कांग्रेस में विलय से पहले वाईएस शर्मिला दिल्ली में करेंगी बैठक

कौन हैं वाईएस शर्मिला और उनके शामिल होने से कांग्रेस को आंध्र में क्या फायदा होगा?

लेखन महिमा
Jan 03, 2024
09:36 pm

क्या है खबर?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेता जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। वह जल्द दिल्ली जाएंगी, जहां औपचारिक घोषणा से पहले शर्मिला और उनकी पार्टी के अन्य शीर्ष नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। शर्मिला के कांग्रेस के साथ गठबंधन को आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आइए इसी बारे में जानते हैं।

शर्मिला

कौन हैं शर्मिला?

49 वर्षीय शर्मिला आंध्र प्रदेश (अविभाजित) के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी और वर्तमान मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की बहन हैं। उनका पूरा नाम येदुगुरी संदिंटि शर्मिला रेड्डी है और उनका जन्म 1974 में हुआ था। शर्मिला की शादी अनिल कुमार से हुई है, जो एक हिंदू थे। 1995 में शर्मिला से शादी के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। 2009 में पिता की मृत्यु के बाद शर्मिला अपने भाई के लिए राजनीति में उतरी थीं।

राजनीतिक सफर 

शर्मिला का राजनीतिक सफर कैसा रहा?

2011 में YSRCP के गठन के बाद जगन जेल चले गए थे। तब अपनी मां विजयम्मा के साथ YSRCP की ओर से प्रचार करने को लेकर शर्मिला सुर्खियों में आईं थीं। YSRCP ने उपचुनावों में 18 विधानसभा सीटों में से 15 और एक संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी। शर्मिला 2012 में अपने भाई के बचाव में 3,000 किमी लंबी पदयात्रा निकाल चुकी हैं। 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने YSRCP के लिए प्रचार किया था।

गठन 

2021 में किया नई पार्टी का गठन 

क्विन्ट की रिपोर्ट के अनुसार, YSRCP के लिए कड़ी मेहनत के बावजूद जगन शर्मिला को कोई महत्व नहीं दे रहे थे और उन्होंने राजनीतिक और पारिवारिक विवाद बढ़ने के बाद जगन का साथ छोड़ दिया। उन्होंने 2021 में युवजन श्रमिका रायथू (YSR) तेलंगाना पार्टी का गठन किया। उनकी मां ने भी उन्हें समर्थन दि.या है। हालांकि, उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है और नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन दे दिया था।

फायदा  

शर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने से कैसे बदलेंगे समीकरण?

अगर शर्मिला कांग्रेस में शामिल होती हैं तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जगन रेड्डी और शर्मिला के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बनने की संभावना है। YSRCP से असंतुष्ट नेताओं को शर्मिला में एक विकल्प मिल सकता है। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, इससे YSRCP के वोट बंट सकते हैं, जो पहले ही तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनसेना गठबंधन से कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे आगामी चुनावों में कांग्रेस को फायदा और YSRCP नुकसान हो सकता है।

प्रभारी  

शर्मिला को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी राज्य तेलंगाना में रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में पहली जीत के बाद कांग्रेस के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। शर्मिला के कांग्रेस के साथ आने से इस साल होने वाला आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो जाएगा। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी TDP जूझ रही है, ऐसे में कांग्रेस शर्मिला का इस्तेमाल कर YSRCP के साथ-साथ TDP वोटबैंक में सेंध लगा सकती है और एक बड़ी ताकत बन सकती है।