#NewsBytesExplainer: शाहरुख खान की फिल्म 'डंकी' के बाद चर्चा में आए डंकी रूट्स क्या होते हैं?
भारत से कई लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका और अन्य विकसित देशों में जाते हैं, जिसमें काफी जोखिम होता है। हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म 'डंकी' इन्हीं जोखिमों पर आधारित है। 'डंकी' नाम रखने के पीछे की एक खास वजह ये है कि विदेश पहुंचने के अवैध रास्तों को 'डंकी रूट्स' कहा जाता है। आइए इन डंकी रूट्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।
लातिन अमेरिका से होती है डंकी रूट्स की शुरुआत
सबसे मशूहर डंकी रूट लातिन अमेरिकी देशों से अमेरिका पहुंचने का है। इक्वाडोर, बोलीविया और गुयाना जैसे कई लातिन अमेरिकी देशों में भारतीयों के लिए 'वीजा ऑन अराइवल' यानि पहुंचते ही वीजा है। ब्राजील और वेनेजुएला जैसे कुछ देश भी भारतीयों को आसानी से पर्यटन वीजा दे देते हैं। ऐसे में सबसे पहले लोगों को इन देशों में पहुंचाया जाता है। फिर एजेंट्स उन्हें कोलंबिया और मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक पहुंचाते हैं, लेकिन यह सफर काफी खतरनाक होता है।
पनामा का जंगल सबसे बड़ी चुनौती
अवैध तरीके से कोलंबिया से मेक्सिको पहुंचने के लिए पनामा का जंगल पार करना पड़ता है। यहां से गुजरना जानलेवा साबित हो सकता है और रास्ते में जंगली जानवरों के साथ-साथ कई और भी खतरे हैं। जंगल के इन घने रास्तों पर लूटपाट और डकैतियां बड़े पैमाने पर होती हैं और यहां किसी भी मदद की उम्मीद करना बेईमानी है। यहां कोई हत्या और रेप जैसी घटनाओं की भी किसी को कानों-कान कोई खबर नहीं लगती।
ग्वाटेमाला डंकी रूट का बड़ा समन्वय केंद्र
पनामा का जंगल पार करने के बाद मेक्सिको पहुंचने के लिए कोस्टा रिका, निकरागुआ और ग्वाटेमाला से होकर गुजरना होता है। ग्वाटेमाला इस डंकी रूट का सबसे बड़ा समन्वय केंद्र है। मेक्सिको में प्रवेश के लिए नए एजेंट की मदद लेनी पड़ती है और पुराना एजेंट लोगों को उन्हें सौंप देता है। इसके बाद भी इस अवैध रास्ते में काफी जोखिम रहता है। इसी साल अगस्त में 6 भारतीयों की मेक्सिको में सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
क्या पनामा के जंगल के अलावा और कोई रास्ता नहीं है?
पनामा के घने जंगल में मौजूद खतरों से बचने के लिए कोलंबिया से एक और डंकी रूट भी है। दरअसल, कोलंबिया के पास सैन एंड्रियास नाम का एक द्वीप है। यहां से नाव के सहारे मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ तक पहुंचना होता है। इसके बाद यहां से मछुआरों की नाव में बैठकर करीब डेढ़ सौ किलोमीटर बाद दूसरी नाव लेनी होती है। ये नाव अवैध तरीके से मेक्सिको के तट तक पहुंचाती है।
मेक्सिको से अमेरिका में दाखिल होने के 2 विकल्प
अमेरिका और मेक्सिको के बीच 3,000 किलोमीटर की लंबी सीमा है। कई लोग सीमा पर लगे कंटीले तारों को पार करके अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल होते हैं। एक अन्य रास्ता रियो ग्रांडे नदी से अमेरिका पहुंचाता है, लेकिन यहां अमेरिकी पुलिस काफी सक्रिय रहती है। अमेरिका में हर साल बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठियों को हिरासत में लिया जाता है। पुलिस अधिकारियों को फैसला लेना होता है कि घुसपैठिया प्रवासी शिविर में रखे जाने लायक हैं या नहीं।
अमेरिका पहुंचने के और क्या डंकी रूट?
हाल ही में अमेरिका के लिए एक और डंकी रूट प्रचलित हुआ है। इसमें लोग लातिन अमेरिका की बजाय यूरोप से मेक्सिको और फिर अमेरिका पहुंचते हैं। इस रूट में 9 देशों को पार करना होता है। भारतीयों द्वारा इस रूट का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है और पंजाब और हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों के युवा भी इस रूट का इस्तेमाल करते हैं। यूरोप-मेक्सिको वाला डंकी रूट भी अमेरिकी अधिकारियों की नजर में है।
डंकी रूट्स से अमेरिका पहुंचने में कितना खर्च आता है?
डंकी रूट्स पर काफी जोखिम होने के बावजूद भारतीय लोग अमेरिका पहुंचने के लिए इस पर काफी पैसा खर्च करते हैं। इसमें 15 लाख से 40 लाख तक खर्च आता है। ये खर्च कभी-कभी 70 लाख रुपये तक भी पहुंच सकता है, जिसमें एजेंट बेहद कम जोखिम का वादा करते हैं। इसका सीधा उसूल है कि जितना ज्यादा पैसा खर्च करोगे, सफर उतना आसान रहेगा। हालांकि, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता और कई अप्रिय घटनाएं होती रहती हैं।