#NewsBytesExplainer: चौथी बैठक के बाद विपक्षी गठबंधन INDIA के सामने क्या-क्या चुनौतियां?
क्या है खबर?
मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी गठबंधन INDIA की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे से लेकर सांसदों के निलंबन और गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार जैसे कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।
28 पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच 3 घंटे चली इस बैठक के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गठबंधन एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा।
आइए जानते हैं कि बैठक से INDIA के सामने क्या-क्या चुनौतियां निकलकर सामने आई हैं।
सींट बंटवारा
सीटों के बंटवारे पर आसान नहीं राह
INDIA में शामिल पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा 'टेढ़ी खीर' लग रहा है। कहा जा रहा है कि 15 जनवरी तक सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, लेकिन अधिकांश पार्टियों के बीच सहमति को लेकर अभी भी संशय है।
विशेषकर उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में सीट बंटवारे में दिक्कत हो सकती है।
INDIA में शामिल पार्टियां इन राज्यों में एक-दूसरे की विरोधी हैं, ऐसे में वे दूसरे पक्ष को ज्यादा सीटें नहीं देना चाहेंगी।
ममता
ममता के प्रस्ताव ने नेताओं में बढ़ाया आपसी संदेह
बैठक में ममता बनर्जी ने गठबंधन की ओर से खड़गे को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसने विपक्षी नेताओं के बीच संदेह पैदा कर दिया है।
उनके इस कदम को नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को कमजोर करने के साथ-साथ गठबंधन में राहुल गांधी को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
यह अजीब लगा कि सीटों का बंटवारा तक नहीं हुआ और उन्होंने नया राग छेड़ दिया।
तालमेल
विपक्षी पार्टियों के बीच विश्वास और तालमेल की कमी
INDIA की चौथी बैठक में पार्टियों के बीच विश्वास और तालमेल की कमी भी देखी गई।
समाजवादी पार्टी (SP) ने कांग्रेस से पूछा कि वह उत्तर प्रदेश में उसके साथ चुनाव लड़ेगी या बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ, पहले यह तय करे।
दिलचस्प बात यह है कि बसपा BSP का हिस्सा नहीं है और SP में यह आक्रामकता विधानसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस की हार के बाद ज्यादा आई है।
एकमत
नीतीश और DMK के बीच भी मतभेद दिखे
गठबंधन की बैठक में अन्य नेताओं के बीच भी मतभेद दिखे। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेताओं की अनुवादक की मांग पर नीतीश कुमार भड़क गए और कहा कि हिंदी सभी को आनी चाहिए क्योंकि ये देश की राजकीय भाषा है।
अटकलें हैं कि सनातन धर्म विवाद को लेकर गठबंधन के कई कद्दावर नेता DMK से नाराज हैं।
इस बैठक के बाद खड़गे की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता, केजरीवाल, लालू प्रसाद यादव और उद्धव ठाकरे जैसे नेता गायब दिखे।
कांग्रेस बैकफुट
कांग्रेस बैकफुट पर, क्या गठबंधन को रख पाएगी एकजुट?
5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस में हार के बाद से कांग्रेस बैकफुट पर है और ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियां उस पर हावी होने की कोशिश कर रही हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस पूरे विपक्ष और INDIA को एकजुट बनाए रख पाएगी।
गठबंधन ने 22 दिसंबर को विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बड़ा विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के पास विपक्ष को एकजुट करने का ये बड़ा मौका होगा।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में विपक्ष मुखर है। वह सदन में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है।
इस बीच दोनों सदनों से कार्यवाही बाधित करने के आरोप में अब तक 143 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
देश के संसदीय इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ है और उनकी अनुपस्थिति में कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पारित हो रहे हैं।