आंध्र प्रदेश: मुख्यमंत्री जगन रेड्डी का साथ छोड़ेंगी बहन शर्मिला, कांग्रेस में होंगी शामिल- रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला अपने भाई का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम सकती हैं। NDTV ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। शर्मिला युवजन श्रमिका रायथू (YSR) तेलंगाना पार्टी की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। कांग्रेस उन्हें आंध्र प्रदेश में कोई बड़ी भूमिका दे सकती है। बता दें कि कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की नजर अब आंध्र प्रदेश पर है।
शर्मिला 4 जनवरी को हो सकती हैं कांग्रेस में शामिल
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मिला 4 जनवरी को कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने आज YSR तेलंगाना के सभी नेताओं के साथ बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के कांग्रेस में विलय और भविष्य की गतिविधियों पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में शर्मिला को महत्वपूर्ण भूमिका दे सकता है। इस कदम से पार्टी को लाभ हो सकता है।
कांग्रेस की क्या योजना?
शर्मिला को बड़ी जिम्मेदारी देने के कदम के पीछे कांग्रेस का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करना है। दरअसल, प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में पार्टी का वोट शेयर गिरकर केवल एक प्रतिशत रह गया है। कांग्रेस को लगता है कि जगन रेड्डी की युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) छोड़ने के इच्छुक लोग उसके साथ आ सकते हैं क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
शर्मिला ने तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस को दिया था समर्थन
तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए शर्मिला ने हिस्सा नहीं लिया था और कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, "मैं कांग्रेस को समर्थन दे रही हूं क्योंकि उसके पास तेलंगाना विधानसभा चुनाव जीतने की संभावना है। के. चंद्रशेखर राव ने अपने 9 साल के कार्यकाल में लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया और इसलिए मैं नहीं चाहती कि वह सत्ता में आएं।"
शर्मिला ने जगन के हर संघर्ष में दिया है उनका साथ, लेकिन राजनीतिक मतभेद
जगन रेड्डी ने 2011 में कांग्रेस से अलग होकर YSRCP का गठन किया था और इसके बाद शर्मिला ने कई मौकों पर अपने भाई का साथ दिया। जगन जब भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में थे, तब उनकी माँ वाईएस विजयम्मा और शर्मिला ने चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। इसके बाद जगन को 2019 विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत भी मिली। हालांकि, 2021 में बहन शर्मिला ने साफ किया कि उनके अपने भाई के साथ राजनीतिक मतभेद हैं।