विपक्षी सांसदों के निलंबन पर सोनिया गांधी बोलीं- सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को विपक्षी सांसदों के निलंबन पर संसदीय दल की बैठक बुलाई। NDTV के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने कहा, "इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। इससे पहले कभी भी इतने विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया और वह भी सिर्फ एक उचित और वैध मांग उठाने के लिए। जिस अहंकार के साथ इस अनुरोध का निपटारा किया गया, उसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं।"
प्रधानमंत्री ने सदन की गरिमा और देश के लोगों की उपेक्षा की- सोनिया गांधी
सोनिया ने कहा, "13 दिसंबर को हुई घटनाएं अक्षम्य हैं और उन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री को घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में 4 दिन लग गए और उन्होंने संसद के बाहर बयान दिया। ऐसा करके, उन्होंने सदन की गरिमा और देश के लोगों के प्रति अपनी उपेक्षा का स्पष्ट संकेत दिया। मैं यह आप पर (कांग्रेस के सांसदों) छोड़ती हूं कि अगर भाजपा आज विपक्ष में होती तो क्या प्रतिक्रिया देती।"
कश्मीर मुद्दे पर भी बोलीं सोनिया
श्रीमती गांधी ने जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कानून पारित होने पर कहा, "कुछ लोग जवाहरलाल नेहरू जैसे महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास को विकृत करके और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने करके लगातार अभियान चला रहे हैं। इन प्रयासों में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है, लेकिन हम डरेंगे-झुकेंगे नहीं। जम्मू-कश्मीर पर हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही है। पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल हो और चुनाव हो। लद्दाख को सम्मान मिले।"
क्या है सुरक्षा में सेंध और निलंबन का मामला?
13 दिसंबर को दर्शक दीर्घा से 2 युवकों के लोकसभा में कूदने और उत्पात मचाने के बाद से विपक्षी सांसद सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी सांसदों की मांग है कि गृह मंत्री अमित शाह दोनों सदन में आकर बयान दें। हालांकि, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संसद की बजाय मामले पर मीडिया में विचार रखे। इसी को लेकर 14 से 19 दिसंबर तक लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सांसद निलंबित हुए। इनमें कांग्रेस के 57 सांसद हैं।