NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / राजनीति की खबरें / चुनावों के ऐलान के साथ ही लागू होने वाली आचार संहिता का क्या मतलब है?
    अगली खबर
    चुनावों के ऐलान के साथ ही लागू होने वाली आचार संहिता का क्या मतलब है?

    चुनावों के ऐलान के साथ ही लागू होने वाली आचार संहिता का क्या मतलब है?

    लेखन प्रमोद कुमार
    Feb 26, 2021
    06:12 pm

    क्या है खबर?

    शुक्रवार को चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही इन राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई।

    क्या आप आचार संहिता के बारे में सारी बातें जानते हैं? अगर नहीं तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

    दरअसल, चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं, इन्हें नियमों को आचार संहिता कहा जाता है।

    जानकारी

    आचार संहिता के दायरे में कौन-कौन आता है?

    आचार संहिता के तहत सरकारी कर्मचारी, राजनेता, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग और मतदाता आते हैं। यानी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने वाला हर व्यक्ति आचार संहिता के दायरे में आता है।

    आचार संहिता

    सरकारी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता

    पूरे देश में आचार संहिता लागू होते ही केंद्र सरकार और राज्यों में लागू होने पर राज्य सरकारों के अधीन काम करने वाले कर्मचारी आचार संहिता हटने तक निर्वाचन आयोग के तहत काम करते हैं।

    इस दौरान सरकारी पैसे से ऐसी कोई कार्यक्रम या गतिविधि आयोजित नहीं की जा सकती, जिससे किसी राजनीतिक दल का प्रचार होता हो या उसे फायदा मिले।

    साथ ही चुनाव प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी या सरकारी इमारतों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

    जानकारी

    चुनाव आयोग नियुक्त करता है पर्यवेक्षक

    इन सब पर निगाह रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। अगर पर्यवेक्षकों को कहीं गड़बड़ी मिलती है तो वे चुनाव आयोग को शिकायत करते है, जिस पर आयोग कार्रवाई करता है।

    आचार संहिता

    राजनेताओं के लिए क्या हैं आचार संंहिता के नियम?

    आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक पार्टियों, उनके उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने से पहले स्थानीय प्रशासन से इजाजत लेनी होती है।

    नेता अपने भाषणों में जाति, धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं कर सकते और न ही वे ऐसी कोई बात कर सकते हैं, जिससे समाज में नफरत फैलने की आशंका हो।

    यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि राजनीतिक दल मतदाताओं को किसी प्रकार का लालच न दें।

    जानकारी

    आचार संहिता के उल्लंघन पर क्या होता है?

    इन नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है। कई मामलों में तो नियमों के उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है।

    आचार संहिता

    मतदाताओं के लिए क्या नियम हैं?

    आचार संहिता के दायरे में मतदाता भी आते हैं। आचार संहिता के नियमों के तहत मतदाता को समय पर मतदान केंद्र पहुंचना होता है।

    मतदाता के पास अपना मतदाता पहचान पत्र या सरकार द्वारा जारी किया गया कोई दूसरा पहचान पत्र होना चाहिए।

    साथ ही यह उम्मीद भी की जाती है कि मतदाता खुद मतदान करने के साथ-साथ दूसरे मतदाताओं को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

    जानकारी

    सबसे पहले आचार संहिता कब लागू हुई?

    पहली बार आचार संहिता का इस्तेमाल 1960 में केरल विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया था। तब कुछ नियम बनाकर पार्टियों को बताया गया था कि वे चुनाव की घोषणा होने के बाद क्या कर सकती हैं और क्या नहीं।

    बदलाव

    लगातार होते रहे हैं आचार संहिता में बदलाव

    साल 1967 के लोकसभा और राज्यसभा चुनावों में आचार संहिता लागू की गई थी। इसके बाद 1979 में राजनीतिक दलों से परामर्श के बाद आचार संहिता में कुछ बदलाव किए गए।

    कुछ साल बाद इसे और मजबूत बनाने के लिए 1991 में इसमें फिर बदलाव हुए।

    साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चुनाव घोषणापत्र से जुड़े दिशानिर्देश भी इसमें शामिल करने का आदेश दिया था, जिन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान शामिल किया गया।

    जानकारी

    कानूनी तौर पर आचार संहिता का पालन करना जरूरी?

    आचार संहिता को लागू करवाने का कोई कानून नहीं है। इसलिए कानूनी तौर पर इसका पालन करना जरूरी नहीं है, लेकिन इसका उल्लंघन करने पर पर IPC, कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर, 1973 और जनप्रतिनिधि कानून, 1951 के तहत कार्रवाई की जाती है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    तमिलनाडु
    केरल
    राज्यसभा
    लोकसभा चुनाव

    ताज़ा खबरें

    भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द होने की उम्मीद, क्या टैरिफ की समस्या हल होगी? अमेरिका
    देशभर में बारिश की बौछारों से मौसम सुहाना, पूर्वात्तर में बाढ़ की आफत  मानसून
    डिज्नी फिर करेगी सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी, कई विभागों पर पड़ेगा असर  डिज्नी
    गूगल एंटीट्रस्ट मुकदमा सुलझाने को तैयार, निपटारे के लिए खर्च करेगी 4,200 करोड़ रुपये गूगल

    तमिलनाडु

    कोरोना वायरस: देश में बीते दिन 41,810 नए मामले, दिल्ली में भी कम हो रहा संक्रमण दिल्ली
    'निवार' के बाद अब मंडराया एक और साइक्लोन का खतरा, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी केरल
    मनरेगा में अभी भी बढ़ रही है काम की मांग, 96 प्रतिशत पंचायतों ने किया आवेदन मनरेगा
    कोरोना वायरस: देश में बीते दिन 36,604 नए मामले, रिकवरी रेट 94 प्रतिशत के पार दिल्ली

    केरल

    पश्चिम बंगाल के लोगों को मुफ्त में लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन, ममता बनर्जी ने किया ऐलान पश्चिम बंगाल
    कोरोना वायरस: क्यों मामले कम न होने के बावजूद चिंतित नहीं है केरल सरकार? भारत की खबरें
    कोरोना वायरस: देश में बीते दिन सामने आए 15,590 नए मामले, 191 मरीजों की मौत भारत की खबरें
    कोरोना: बीते दिन देश में मिले 15,158 नए मरीज, दुनियाभर में अब तक 20 लाख मौतें भारत की खबरें

    राज्यसभा

    आज से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, कोरोना से बचाव के लिए कड़े नियम लागू लोकसभा
    कोरोना के खिलाफ लंबी चलेगी जंग, राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री बोले- खत्म होने से बहुत दूर स्वास्थ्य मंत्रालय
    संसद में जया बच्चन के बयान के बाद मुंबई पुलिस ने बढ़ाई उनके घर की सुरक्षा अमिताभ बच्चन
    राज्यसभा में पास हुआ मंत्रियों और सांसदों के वेतन-भत्ते में कटौती से जुड़ा बिल लोकसभा

    लोकसभा चुनाव

    चापलूसों से घिरी कांग्रेस, महाराष्ट्र चुनावों में नहीं बचा पाएगी जमानत- संजय निरुपम महाराष्ट्र
    तेजस के बाद राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत की खबरें
    अशोक तंवर ने छोड़ी कांग्रेस, कहा- राहुल द्वारा तैयार नेताओं को हटाने की हो रही साजिश हरियाणा
    पाकिस्तान की कैद से वापस आने वाले जवान ने छोड़ी सेना, लगाया शोषण का आरोप भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025