राज्यसभा में पास हुआ मंत्रियों और सांसदों के वेतन-भत्ते में कटौती से जुड़ा बिल
मंत्रियों के वेतन एवं भत्तों से संबंधित संशोधन विधेयक और सांसदों के वेतन-भत्ते में एक वर्ष के लिये 30 प्रतिशत की कटौती करने के प्रावधान वाले विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पास हो गए हैं। मंत्रियों और सांसदों के वेतन से कटने वाली राशि का उपयोग कारोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से मुकाबले के लिए किया जाएगा। उच्च सदन में संक्षिप्त चर्चा के बाद राज्यसभा में ध्वनिमत के साथ इन विधेयकों को मंजूरी दे दी गई।
राज्यसभा में मंजूरी के लिए इन्होंने प्रस्तुत किए विधेयक
राज्यसभा की शुरुआत के बाद संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020 और संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन विधेयक, 2020 को मंजूरी के लिए पेश किया। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से विधेयकों को सदन में रखा है। हल्की चर्चा के बाद उन्हें ध्वनि मत से पास कर दिया गया।
वेतन-भत्तों में कटौती के लिए किया गया विधेयकों में संशोधन
HT के अनुसार इन विधेयकों को मंत्रियों और सांसदों के वेतन और भत्तों में 30 प्रतिशत कटौती करने के लिए संशोधित किया गया है। इसके लिए संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 और मंत्रियों के सत्कार भत्ते में कटौती के लिए मंत्रियों का वेतन और भत्ते अधिनियम, 1952 में संशोधन किया गया है। 1 अप्रैल, 2020 से मार्च 2021 तक होने वाली 30 प्रतिशत कटौती का उपयोग कोरोना महामारी से उबरने में किया जाएगा।
लोकसभा में पारित हो चुका है विधेयक
बता दें कि कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने के लिए सांसदों के वेतन-भत्ते में 30 प्रतिशत कटौती से जुड़े विधेयक को मंगलवार को लोकसभा भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को इसे राज्यसभा में रखा गया था।
सांसद निधि के निलंबन पर पुनर्विचार करे सरकार
विधेयकों पर चर्चा के दौरान अधिकतर विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि सांसदों के वेतन में कटौती से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सरकार को सांसद निधि के निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस पर मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि परोपकार की शुरूआत घर से होती है। इसमें सभी योगदान दे रहे हैं। यह देश सेवा की भावना की बात है।
70 प्रतिशत सांसद वेतन पर करते हैं गुजारा- गुलाम नबी
सांसद क्षेत्र विकास निधि के अस्थायी रूप से दो वर्षो के लिये निलंबित किए जाने को लेकर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 70 प्रतिशत सांसद सिर्फ वेतन पर गुजारा करते हैं, लेकिन वह गरीबों और देश की सेवा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि सांसद निधि गरीबों का पैसा है। उन्होंने इस निधि को एक साला के लिए निलंबित करने और महज 50 प्रतिशत यानी 2.5 करोड़ की ही कटौती की बात कही।
पीएम केयर्स फंड का जनता को मिलना चाहिए हिसाब
कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने कहा कि उनकी पार्टी प्रस्ताव का समर्थन करती है, लेकिन सरकार को विकास के लिए महत्वपूर्ण सांसद निधि को निलंबित नहीं करना चाहिए। उन्होंने पीएम केयर्स फंड का हिसाब जनता को देने की मांग की। RJD के मनोज कुमार झा ने आर्थिक तंगी के इस हालत में नए संसद भवन के निर्माण के प्रस्ताव को रोकने की मांग की। वी विजसाई रेड्डी ने सदन को बाधित करने वाले सदस्यों से कटौती करने की बात कही।