अशोक तंवर ने छोड़ी कांग्रेस, कहा- राहुल द्वारा तैयार नेताओं को हटाने की हो रही साजिश

हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से तनातनी के बीच तंवर पिछले कुछ समय से पार्टी संगठन में हुए बदलावों से नाराज थे। उन्होंने विधानसभा चुनावों में टिकटों की बिक्री का भी आरोप लगाया था। विधानसभा चुनावों से लगभग दो सप्ताह पहले हुए इस घटनाक्रम से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तंवर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की 'खाट यात्रा' के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निजी सुरक्षाकर्मी और उनके गुंडों ने उन पर लाठियों से हमला किया था। उन्होंने कहा कि जांच के बाद भी हुड्डा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तंवर ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्विटर पर साझा की। कांग्रेस प्रमुख को भेजे अपने इस्तीफे में तंवर ने लिखा कि कांग्रेस आज अस्तित्व के संकट से गुजर रही है और इसकी वजह पार्टी के नेता है। उन्होंने आरोप कि कांग्रेस में काम करने वाले नेताओं की कद्र नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा तैयार किए जा रहे युवा नेताओं को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
After long deliberations with party workers and for reasons well known to all Congressman and public, I hereby resign from the primary membership of the @INCIndia pic.twitter.com/qG9dYcV6u2
— Ashok Tanwar (@AshokTanwar_INC) October 5, 2019
इससे पहले गुरुवार को तंवर हरियाणा में टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों की अनदेखी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चुनावों के लिए बनी अलग-अलग समितियों से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के लिए सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करते रहेंगे, लेकिन शनिवार को उन्होंने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। इस्तीफे कारण सभी कांग्रेसजनों और जनता को मालूम है।
अशोक तंवर को 2014 लोकसभा चुनावों से पहले हरियाणा प्रदेश का प्रमुख बनाया गया था। उनके प्रमुख पद पर रहते हुए हरियाणा में कांग्रेस को 2014 लोकसभा, 2014 विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पिछले काफी समय से उनके खिलाफ असंतोष के स्वर उठ रहे थे। सोनिया गांधी के दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही तंवर को हटाकर कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंप दी गई।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए 21 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे। 24 अक्तूबर को यह पता चल जाएगा कि हरियाणा में अगली सरकार किसकी होगी। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस बार 90 में 75 सीटें जीतकर दोबारा सरकार बनाना चाहती है, वहीं कांग्रेस पांच साल फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी जीतने की कोशिश में है। हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनावों के लिए 21 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे।