'निवार' के बाद अब मंडराया एक और साइक्लोन का खतरा, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
पिछले सप्ताह पुदुचेरी और तमिलनाडु में तबाही मचाने वाले साइक्लोन 'निवार' के बाद अब दूसरे साइक्लोन का खतरा पैदा हो गया है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व और आसपास के क्षेत्र के कम दबाव वाले क्षेत्र में डिप्रेशन की स्थिति बन हुई है और इसके साइक्लोन में बदलने की पूरी संभावना है। इसको लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि एक और साइक्लोन तमिलनाडु और केरल की तरफ बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
IMD की ओर ट्वीट कर तमिलनाडु और केरल के तटीय क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व और आसपास के क्षेत्र के कम दबाव वाले क्षेत्र में डिप्रेशन की स्थिति बन गई है। यह दबाव श्रीलंका के त्रिंकोमाली के पूर्व-दक्षिणी पूर्व से लगभग 750 किमी और कन्याकुमारी से पूर्व-दक्षिणी पूर्व से लगभग 1,150 किमी दूर है। इसके साइक्लोन का रूप लेने की पूरी आशंका है।
तमिलनाडु और केरल के तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना
IMD के अनुसार इस साइक्लोन के 2 दिसंबर की शाम को श्रीलंका के तट से टकराने की संभावना है। मौजूदा हालात के आकलन के मुताबिक साइक्लोन 3 दिसंबर की सुबह तक पश्चिम की ओर बढ़कर कोमोरिन इलाके में पहुंच सकता है। इससे केरल और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना रहेगी। तमिलनाडु और केरल में इसके पहुंचने के बाद हवा की रफ्तार 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की उम्मीद है।
मछुआरों को 1 दिसंबर से समुद्र में नहीं जाने की सलाह
IMD ने बताया कि 1 दिसंबर में समुद्र की लहरों में उछाल आना शुरू हो जाएगा। ऐसे उन्होंने मछुआरों को 1 दिसंबर से दक्षिण पूर्व और आस-पास के दक्षिण-पश्चिम की खाड़ी में नहीं जाने की सलाह दी है। इसी तरह वर्तमान में मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए मछुआरों को देर रात तक वापस लौटने की चेतावनी दी है। IMD के अनुसार यह साइक्लोन निवार जितना भयंकर नहीं होगा, लेकिन फिर भी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
साइक्लोन 'निवार' के कारण हुई थी तीन लोगों की मौत
बता दें गत 25 नवंबर की रात को पुदुचेरी के तट से टकराए साइक्लोन 'निवार' के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई थी। इससे कई क्षेत्रों में गहरे जल-जमाव की स्थिति बन गई थी। यहां तक कि पुडुचेरी से करीब 30 किलोमीटर दूर मरक्कनम शहर में भारी भूस्खलन भी हुआ था। चक्रवाती तूफान जनित इस हादसे ने तीन लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, तट से टकराने के बाद यह कमजोर पड़ गया था।