बजरंग दल बैन मामला: VHP ने मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस भेज 100 करोड़ रुपये हर्जाना मांगा
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कानूनी नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है। उन पर बजरंग दल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और बदनाम करने का आरोप लगाया गया है। मुआवजे की रकम देने के लिए खड़गे को 14 दिनों का समय दिया गया है। बता दें, कर्नाटक के चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों पर बैन लगाने की बात कही थी।
बजरंग दल को बदनाम करने का आरोप
खड़गे को यह नोटिस VHP की चंडीगढ़ इकाई ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि घोषणापत्र के पेज नंबर 10 पर बजरंग दल की तुलना PFI से की गई है, जो अपमानजनक है। VHP के कानूनी प्रकोष्ठ के सह-प्रमुख साहिल बंसल ने कहा, "PFI और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे संगठन, जो भारत सरकार की ओर से बैन किए गए हैं, उनसे बजरंग दल की तुलना अपमानजनक है।"
नोटिस पर कांग्रेस ने क्या कहा?
नोटिस पर अभी तक कांग्रेस की ओर से कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। खड़गे के कार्यालय की ओर से भी नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की गई है। नोटिस भेजने वाले वकील बंसल ने BBC से बात करते हुए कहा कि उन्हें भी कांग्रेस की ओर से नोटिस मिलने की जानकारी नहीं प्राप्त हुई है। बंसल ने कहा कि बजरंग दल कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे झूठे आरोपों के खिलाफ हर कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ता रहेगा।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में क्या कहा था?
कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा था, "कांग्रेस पार्टी किसी भी ऐसे व्यक्ति या संगठन के विरुद्ध ठोस और निर्णायक कदम उठाने को प्रतिबद्ध है, जो समुदायों के भीतर जाति या धर्म के आधार पर नफरत फैलाते हैं। हमारा विश्वास है कि संविधान और कानून सर्वोपरि है और कोई भी व्यक्ति या संस्था जैसे बजरंग दल, PFI या बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के बीच दुश्मनी फैलाने वाली अन्य संस्था इसका उल्लंघन नहीं कर सकती हैं।"
क्या है बजरंग दल?
बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टूबर, 1984 को हुई थी। पूर्व लोकसभा और राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता विनय कटियार बजरंग दल के संस्थापक अध्यक्ष और पहले राष्ट्रीय संयोजक थे। बजरंग दल का सूत्र वाक्य 'सेवा, सुरक्षा और संस्कृति' है, जिसका मुख्य मकसद लोगों तक हिंदुत्व का संदेश पहुंचाना है। पूरे देश में बजरंग दल के 25 लाख कार्यकर्ता हैं। 1992 में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन एक साल बाद इसे हटा दिया गया था।