कौन हैं कांग्रेस के नए चुने गए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके सामने क्या चुनौतियां होंगी?
क्या है खबर?
कर्नाटक से आने वाले 80 वर्षीय नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठवीं बार हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में उन्होंने शशि थरूर को हराया।
17 अक्टूबर को हुए चुनाव में खड़गे को 7,897 से ज्यादा वोट मिले, जबकि थरूर को 1,072 वोटों से संतोष करना पड़ा।
आइये बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक के सफर पर एक नजर डालते हैं।
जन्म
बीदर में हुआ था खड़गे का जन्म
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म 21 जुलाई, 1942 को बीदर में हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई गुलबर्गा के नूतन स्कूल से हुई और उन्होंने सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री ली।
वो कॉलेज में मजदूर आंदोलन से जुड़े और छात्र संघ महासचिव बने। बाद में 1969 में कांग्रेस में आकर गुलबर्गा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बने और 1972 में पहला चुनाव लड़ा।
खड़गे नौ बार विधायक और दो बार लोकसभा सांसद रहे हैं।
चुनावी सफर
आज तक केवल एक चुनाव हारे हैं खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले खड़गे ने 12 बार चुनाव (विधानसभा और लोकसभा) लड़ा था, जिसमें से उन्हें केवल एक बार हार का सामना करना पड़ा है।
2009 में वो रिकॉर्ड नौंवी बार विधायक बनकर कर्नाटक विधानसभा पहुंचे थे।
जगजीवन राम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले खड़गे दूसरे दलित नेता हैं। जगजीवन राम 1970 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और वो दो साल तक इस पद पर रहे।
जिम्मेदारियां
कई पदों पर रह चुके हैं खड़गे
राजनीति में पांच दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले खड़गे कई पदों पर रह चुके हैं। खड़गे फिलहाल कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा वो 16 फरवरी, 2021 से लेकर 1 अक्टूबर, 2022 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
मनमोहन सिंह सरकार में उन्होंने रेल मंत्रालय और श्रम मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। भाजपा के सरकार में आने के बाद 2014 से 2019 तक वो लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता रहे थे।
शुरुआती करियर
मजदूर संगठनों के कई मुकदमे लड़े
वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद खड़गे ने जूनियर वकील रहते हुए मजदूर संगठनों के कई केस जीते थे। आगे चलकर वो खुद मजदूर संगठन के नेता बन गए।
1972 में पहला चुनाव लड़ने के एक साल बाद खड़गे चुंगी उन्मूलन समिति के प्रमुख बने और स्थानीय निकायों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें दीं। बाद में राज्य के चमड़ा विकास निगम की कमान संभालते हुए उन्होंने कई अहम कदम उठाए।
जानकारी
1976 में बने पहली बार मंत्री
1976 में खड़गे कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री बने और अपने कार्यकाल में 16,000 SC/ST अध्यापकों की भर्ती का बैकलॉग पूरा किया।
आगे चलकर उन्होंने अलग-अलग मुख्यमंत्रियों की सरकारों में पंचायती राज और ग्रामीण विकास जैसे अहम विभागों की कार्यभार संभाला। उनके मंत्री रहते हुए कई जमीन सुधार किए गए थे।
खड़गे ने वीरप्पा मोइली और एसएम कृष्णा की सरकारों के दौरान भी अहम विभागों की कमान संभाली थी।
चुनौतियां
नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने होंगी ये चुनौतियां
2024 में मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी। खड़गे के कंधों पर यह जिम्मेदारी होगी कि वो पस्त पड़ी कांग्रेस को फिर से खड़ा करें।
उन्हें संगठन को मजबूत करना होगा और कई राज्यों में कांग्रेस में चल रही आंतरिक कलह से पार पाना होगा।
उनके सामने एक चुनौती यह भी होगी कि वो गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल की छवि से बाहर आकर अपने स्तर पर फैसले कर पाएं।
जानकारी
विपक्ष को एकजुट करने की भी जिम्मेदारी
आगामी लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस को भाजपा से मुकाबला करना है तो उसे विपक्ष को भी एकजुट करना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते खड़गे की यह भी जिम्मेदारी होगी कि भाजपा को टक्कर देने के लिए बिखरे हुए विपक्ष को एक साथ लाएं।