बुधवार से VHP की दो दिवसीय बैठक, राम मंदिर, गौरक्षा और अनुच्छेद 370 पर होगी चर्चा
पिछले साल तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के समय गर्माया राम मंदिर मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने बुधवार और गुरुवार को हरिद्वार में अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के अलावा VHP कश्मीर से अनुच्छेद 35A और 370 हटाने की भी मांग करेगा। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
गौरक्षा और नागरिकता विधेयक पर भी होगी चर्चा
राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से जुड़े महत्वपूर्ण कानूनों के अलावा हिंदूवादी संगठन VHP इस बैठक में गौरक्षा का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर भी चर्चा की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ समय से इस विधेयक को पारित कराने की कोशिश में लगी है। इसके तहत पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
हर साल होती है VHP की यह बैठक
हर साल हरिद्वार में VHP की मुख्य समिति केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल (KMM) की सालाना बैठक होती है। इसमें सामयिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस बैठक में कई संत हिस्सा लेते हैं। बीते वर्ष भाजपा ने यह साफ कर दिया था सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक वह राम मंदिर मामले में कोई कदम नहीं उठाएगी। इसके बावजूद VHP ने सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने का दबाव डाला था।
बाबरी मस्जिद विध्वंस में आगे थे VHP कार्यकर्ता
हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद पिछले कई सालों से राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहा है। बता दें कि VHP के कारसेवकों ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में अहम भूमिका निभाई थी। VHP और भाजपा कार्यकर्ता हथियार लेकर 16वीं सदी में बनी इस मस्जिद को ध्वस्त करने में लगे थे। विध्वंस के बाद से इस जगह को लेकर विवाद है और यहां पर आम लोगों के प्रतिबंध पर प्रवेश लगा हुआ है। यह मामला अदालत में है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में सुनाया था फैसला
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने विवादित भूमि को राम लला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा में बांटने का फैसला दिया था। तीनों पक्षों ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस मामले को मध्यस्थता से निपटाने की पहल करने को कहा है। अब बातचीत के जरिए इसका हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल है राम मंदिर निर्माण का वादा
भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में लौटने के बाद मंदिर निर्माण को लेकर उठ रही आवाजें और तेज हुई हैं। पिछले साल भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा था कि कि वो मंदिर निर्माण को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए। जानकारी के लिए बता दें कि 1996 से भाजपा के हर एक चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण का वादा शामिल रहा है।