कर्नाटक सरकार गिरेगी या बचेगी? विधानसभा की कार्यवाही शुरू, थोड़ी देर में हो जाएगा फैसला
कर्नाटक में विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है और सदन को दोपहर 1:30 बजे तक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार के भविष्य पर फैसला लेना है। कल पूरे दिन चले सियासी नाटक के बाद राज्यपाल वजूभाई वाला ने कुमारस्वामी को पत्र लिखकर शुक्रवार 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था। 16 विधायकों के इस्तीफे के बीच कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन के लिए बहुमत साबित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
स्पीकर ने कहा, मैंने बाकियों की लाखों रुपये जमा नहीं किए
आज कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर स्पीकर केआर रमेश कुमार ने अपने आलोचकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जो मेरे चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि उनका जीवन किस तरीके का रहा है। जो भी मुझे जानता है उसे पता है कि मेरे पास बाकियों की तरह लाखों रुपये जमा नहीं है। बदनामी की इस कोशिश के बीच भी मुझमें बिन पक्षपात किए फैसला लेने की पर्याप्त ताकत है।"
कल पूरे दिन चला था हंगामा
बता दें कि कल कर्नाटक विधानसभा में पूरे दिन हंगामा चला था। कांग्रेस ने स्पीकर से उसका व्हिप पार्टी विधायकों पर लागू होने की बात कही थी, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था। इस कारण कांग्रेस विश्वास मत पर वोटिंग से पहले बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला चाहते थे। वहीं, भारतीय जनता पार्टी इस बात पर अड़ी हुई थी कि भले ही रात के 12 बज जाए, विश्वास मत पर वोटिंग आज ही होनी चाहिए।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दी 1:30 बजे तक की डेडलाइन
भाजपा का एक दल इस सिलसिले में राज्यपाल वजूभाई से मिला था, जिन्होंने स्पीकर से दिन की कार्यवाही खत्म होने से पहले बहुमत परीक्षण कराने को कहा था। लेकिन स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। स्पीकर के इस फैसले के बाद राज्यपाल वजूभाई ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को हर हाल में शुक्रवार 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था।
"प्रथम दृष्टया लगता है सरकार के पास बहुमत नहीं"
अपने पत्र में राज्यपाल ने लिखा था, "15 विधायकों को मुझसे मिलकर अपने इस्तीफे प्रस्तुत करना, 2 विधायकों का सरकार से समर्थन वापस लेना और अन्य परिस्थितियां प्रथम दृष्टया संकेत देती हैं कि आप सदन में बहुमत खो चुके हैं।"
बिना बागी विधायकों के समर्थन के नहीं बचेगी कांग्रेस-JD(S) सरकार
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-JD(S) गठबंधन को 116 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसमें से 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिन पर अभी फैसला होना बाकी है। गठबंधन को अगर अपनी सरकार बचानी है तो मुंबई के होटल में ठहरे 15 बागी विधायकों में से कुछ विधायकों को उसके समर्थन में वोट देना होगा। मौजूदा परिस्थितियों में सरकार का बचना बेहद मुश्किल लग रहा है। सरकार गिरने पर 105 विधायकों वाली भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता मिल सकता है।