कर्नाटक में कांग्रेस-JD(S) सरकार पर लटकी तलवार, भाजपा नेताओं से मिले कांग्रेस विधायक
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की प्रदेश सरकारों पर भी संकट गहरा गया है। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। असली संकट कर्नाटक सरकार पर है, जहां कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन की सरकार है। खबरों के अनुसार, सत्ताधारी और JD(S) के कुछ बागी विधायक भाजपा के संपर्क में है और अपना पक्ष बदल सकते हैं।
भाजपा नेताओं से मिले 2 कांग्रेस विधायक
खबरों के अनुसार, कांग्रेस के दो विधायकों, रमेश जारकिहोली और सुधाकर, रविवार को भाजपा नेता एसएम कृष्णा से मिले। यह मुलाकात कृष्णा के बेंगलुरू स्थित घर पर हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे। हालांकि रमेश ने कहा कि ये एक राजनीतिक बैठक नहीं थी और वह भाजपा की जीत के लिए कृष्णा को औपचारिक बधाई देने आए थे।
विधायक ने बताया औपचारिक मुलाकात
लगातार भाजपा के संपर्क में हैं विधायक
गोकक से विधायक रमेश पिछले कुछ समय से भाजपा से नजदीकी बढ़ा रहे हैं और पिछली बार आए संकट में भी उनकी संदिग्ध भूमिका रही थी। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद उन्होंने अन्य कुछ विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी भी दी थी।
अन्य कांग्रेस नेता ने कहा, 10 जून के बाद गिर जाएगी सरकार
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के एक अन्य नेता और पूर्व विधायक केएन रजन्ना ने कहा है कि 10 जून के बाद राज्य सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा, "जी परमेश्वर केवल तब तक उपमुख्यमंत्री है, जब तक प्रधानमंत्री शपथ लेते हैं। उसके बाद वह मंत्री नहीं रहेंगे और यह सरकार सत्ता में नहीं रहेगी। 10 जून के बाद अगले महीने में ही यह सरकार गिर जाएगी।" हालांकि कांग्रेस और JD(S) ने अपनी सरकार के मजबूत होने की बात कही है।
प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद गिर जाएगी कर्नाटक सरकार- कांग्रेस नेता
संकट के बीच कांग्रेस ने बुलाई विधायक दल की बैठक
इस बीच विधायकों को टूटने से बचाने के लिए कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने पार्टी विधायकों और सांसदों को पत्र लिखते हुए 29 मई को शाम 6 बजे एक होटल में बैठक को बुलाया है। लोकसभा चुनाव के बाद बने राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा को बैठक का मुद्दा बताते हुए उन्होंने पत्र में लिखा है, "सभी विधायकों को बैठक में जरूर उपस्थित रहना चाहिए और बहुमूल्य सुझाव देना चाहिए।"
क्या है विधानसभा की स्थिति?
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों की जरूरत होती है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा 104 सीटें मिलीं थीं, जबकि कांग्रेस को 80 और JD(S) को 37 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस ने JD(S) के साथ गठबंधन करते हुए भाजपा को सरकार से बाहर रखा और एचडी कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने। बता दें कि भाजपा सरकार गिराने की कोशिश पहले भी कर चुकी है, लेकिन नाकाम रही।