कांग्रेस के साथ गठबंधन पर कुमारस्वामी ने कहा- हर दिन दर्द से गुजर रहा हूं
कर्नाटक की सत्ता पर काबिज कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन में मतभेद एक बार फिर से तब उजागर हुए, जब बुधवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि वह हर दिन दर्द से गुजर रहे हैं। वहीं, कुमारस्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि कर्नाटर सरकार को कोई खतरा नहीं है। बता दें कि कुमारस्वामी पहले भी गठबंधन के कारण हो रही तकलीफों के बारे में सार्वजनिक तौर पर बोल चुके हैं।
कुमारस्वामी ने कहा- दर्द के बारे में बताना चाहता हूं, लेकिन बता नहीं सकता
समाचार एजेंसी के अनुसार बुधवार को कुमारस्वामी ने कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि आपकी उम्मीदों को पूरा करूंगा। प्रतिदिन जिस दर्द से मैं गुजर रहा हूं, वो मैं बयां नहीं कह सकता। मैं इसे आपके सामने व्यक्त करना चाहता हूं, लेकिन कर नहीं सकता।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे इस राज्य के लोगों के दर्द का समाधान करने की जरूरत है। मुझ पर सरकार को सुचारू ढंग से चलाने की जिम्मेदारी है।"
सिद्धारमैया ने कहा- सरकार पर कोई खतरा नहीं
कुमारस्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक सरकार पर कोई खतरा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार गिराने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें सफल नहीं होगी।
गठबंधन की परेशानियों के कारण रोने लगे थे कुमारस्वामी
ये पहली बार नहीं है जब कुमारस्वामी ने गठबंधन में मतभेद को लेकर सार्वजनिक बयान दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले मतभेदों की बात करते वक्त उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनकर खुश नहीं है। तब भी उन्होंने गठबंधन सरकार चलाने के दर्द के बारे में बात की थी। उनकी इस परेशानी की कारण सिद्धारमैया को माना जाता है, जिन पर अपनी अलग "सरकार चलाने" का आरोप लगता रहता है।
इस्तीफे की धमकी भी दे चुके हैं कुमारस्वामी
कुमारस्वामी अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी भी दे चुके हैं। कांग्रेस विधायक और मंत्री के सिद्धारमैया को अपना मुख्यमंत्री बताने पर उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस अपने विधायकों को नियंत्रण में नहीं रखती है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
क्या है विधानसभा का गणित?
कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर पिछले साल 12 मई को हुए चुनाव में किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा ने 104 सीटें जीतीं। वह बहुमत के आंकड़े से मात्र 9 सीटें कम रह गई थी। उसने सरकार भी बनाई, लेकिन वह एक हफ्ते के अंदर ही गिर गई। इसके बाद 80 सीट जीतने वाली कांग्रेस और 38 सीट जीतने वाली JD(S) ने साथ मिलकर गठबंधन में सरकार बनाई थी।