कर्नाटक के सियासी खेल में एक और नाटक, कांग्रेसी विधायकों में आपस में ही चले लात-घूंसे
कर्नाटक में चल रहे सियासी नाटक में एक ऐसी घटना सामने आई है जो कांग्रेस की सिरदर्दी बढ़ा सकती है। कांग्रेस के एक विधायक ने दूसरे विधायक पर अपने साथ मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है। राज्य में जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार है। फूट और बगावत के डर से कांग्रेस ने अपने विधायकों को बैंगलोर के रिजॉर्ट में रोका हुआ है। वहीं पर मारपीट की यह घटना हुई है।
'दी जान से मारने की धमकी'
कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने अपने साथी जेएन गणेश पर मारपीट, गाली-गलौज और धमकाने का आरोप लगाया है। आनंद ने अपनी पुलिस को दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा है कि गणेश ने एक छड़ी से उनको पीटा और उसे जान से मारने और करियर खत्म कर देने की धमकी दी। गणेश को उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर द्वारा की जा रही कांग्रेस की आंतरिक जांच पूरी होने तक पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
चुनावों में आर्थिक मदद न देने से नाराज था आरोपी विधायक
FIR में आनंद ने बताया, "उसने मेरी बहन, बेटा और परिवार के अन्य सदस्यों को मारने की धमकी दी। जब मैंने विरोध किया तो उसने मुझे धक्का दिया और मैं गिर गया। उसके बाद उसने मुझे लात-घूंसों से मारा जिससे मेरी आंख और नाक सूज गई। उसने अपने गनमैन से पिस्टल भी मांगी। अगर बाकी विधायक मुझे नहीं बचाते तो आज मैं जिंदा नहीं होता।" गणेश चुनावों में आर्थिक मदद न देने के लिए आनंद से नाराज थे।
आरोपी विधायक ने मांगी आनंद के परिवार से माफी
आरोपी विधायक गणेश ने झगड़े की बात मानी है, लेकिन यह भी कहा कि जैसा कहा जा रहा है वैसा नहीं हुआ। उन्होंने खुद को चोट लगने की बात भी कही है। गणेश ने कहा, "मेरी, आनंद और भीमा नाइक की कुछ बहस हुई। हमने एक-दूसरे को मारा नहीं। मामला वहीं शांत हो गया। आनंद पिसल गया, जिससे उसे कुछ चोट आ गईं।" उन्होंने आनंद के परिवार से माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने आनंद को नहीं मारा।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को कर रखा है 'नजरबंद'
मामले पर कांग्रेस की ओर से अभी तक अलग-अलग बयान आए हैं। कभी पार्टी के नेता कहते हैं कि सीने में दर्द के कारण आनंद अस्पताल गए तो कभी कहते हैं कि यह कोई लड़ाई नहीं बल्कि दोस्तों के बीच एक बहस थी। कर्नाटक के सियासी तूफान में कांग्रेस ने भाजपा पर अपने विधायकों को तोड़ने और खरीद-फरोख्त की कोशिश का आरोप लगाते हुए 80 में से 76 विधायकों को रिजॉर्ट में 'नजरबंद' कर रखा है।