तेल सस्ता करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के खिलाफ मामला
एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से तेल पर टैक्स कम करने की मांग कर रही है। वहीं तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राज्य सरकार से तेल की कीमतें कम करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। अब तमिलनाडु पुलिस ने अन्नामलाई और 5,000 अन्य लोगों के खिलाफ बिना इजाजत राज्य सचिवालय की तरफ मार्च करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
अन्नामलाई की सरकार से चुनावी वादा पूरा करने की अपील
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने राज्य की DMK सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करने की अपील करते हुए पेट्रोल की कीमत 5 रुपये और डीजल की कीमत 4 रुपये प्रति लीटर कम करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार से रसोई गैस भी सस्ता करने की मांग की थी। उन्होंने धमकी दी कि अगर राज्य सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है तो वो भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
आज हुआ मामला दर्ज
मंगलवार को अन्नामलाई ने अपने समर्थकों के साथ सचिवालय की तरफ मार्च किया था, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। आज उनके खिलाफ बिना अनुमति के मार्च निकालने को लेकर मामला दर्ज हुआ है।
केंद्र ने पिछले महीने घटाया था टैक्स
केंद्र सरकार ने पिछले महीने की 21 तारीख को महंगाई से जूझ रही जनता को थोड़ी राहत देते हुए पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतों पर लगने वाला केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया था। इस कटौती से देश में पेट्रोल 9.5 रुपये और डीजल सात रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया था। इस मौके पर केंद्र सरकार ने राज्यों से भी टैक्स कम कर लोगों को और राहत देने की अपील की थी, जिसके बाद तीन राज्यों ने दाम कम किए।
केंद्र की अपील पर इन राज्यों ने घटाए दाम
केंद्र के ऐलान के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर 2.08 रुपये और डीजल पर 1.44 रुपये प्रति लीटर VAT घटाया था। इसी तरह केरल सरकार ने पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.36 रुपये VAT कम किया। कांग्रेस शासित राजस्थान ने भी लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर VAT कम किया था। इन तीन के अलावा बाकी राज्यों ने VAT नहीं घटाया था।
तमिलनाडु ने नहीं घटाए दाम
केंद्र की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के वित्त मंत्री पीटीआर पलानिवेल ने कहा था केंद्र की तरफ से की गई कटौती आंशिक है और राज्यों से टैक्स कटौती करने को कहना अनुचित है। उन्होंने कहा था कि केंद्र ने तेल की कीमतें बढ़ाते समय राज्यों से सलाह नहीं मांगी थी और उनका राज्य पहले ही केंद्र द्वारा दामों में कटौती के कारण आर्थिक घाटा झेल रहा है। ऐसे में राज्य सरकार कीमतें और नहीं घटाएगी।