
तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर, हवाई ईंधन से एक तिहाई महंगे बिक रहे पेट्रोल-डीजल
क्या है खबर?
देश में दोपहिया और चार पहिया वाहनों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन विमानों के ईंधन से एक तिहाई महंगा बिक रहा है।
रविवार को तेल के दामों में हुई बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
आज 35 पैसे की बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर 105.84 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 111.77 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
तेल की कीमतें
कई राज्यों में डीजल भी 100 के पार
ताजा बढोतरी के बाद लगभग सभी राज्यों की राजधानी में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर या उससे महंगा हो चुका है, जबकि दर्जनभर से ज्यादा राजधानियों में डीजल की कीमत सैकड़ा पार कर चुकी है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में डीजल 102.52 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 94.57 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। मुंबई के अलावा बेंगलुरू में भी डीजल 100 से पार जा चुका है।
क्या आप जानते हैं?
विमानों के ईंधन से भी महंगा हुआ तेल
TOI के अनुसार, दोपहिया वाहनों और कारों में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) से एक तिहाई ज्यादा दाम पर बेचा जा रहा है। विमानों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन ATF होता है और दिल्ली में इसकी कीमत 79 रुपये प्रति लीटर है।
कीमत
गंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल
राजस्थान के गंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है। यहां एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 117.86 रुपये और डीजल के लिए 105.95 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।
कुछ दिनों के विराम के बाद सितंबर के आखिर से तेल की कीमतें बढ़ना शुरू हुई थीं और उसके बाद से अब तक 16 बार पेट्रोल और 19 बार डीजल के दाम बढ़ चुके हैं।
देश के अधिकतर राज्यों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये से अधिक पहुंच गई हैं।
जानकारी
इन जगहों पर डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा
मध्य प्रदेश, राजस्थान, लद्दाख, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल और कर्नाटक समेत समेत एक दर्जन से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डीजल भी 100 रुपये प्रति लीटर से महंगा बिक रहा है।
कारण
तेल के दाम बढ़ने की वजह क्या है?
भारत में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों की बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का महंगा होना है। एक महीने पहले तक इसकी कीमत 73.51 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब बढ़कर 84.8 डॉलर हो गई है। सात सालों में पहली बार कीमत इस स्तर पर पहुंची है।
इसके अलावा सरकारों की तरफ से टैक्स की ऊंची दरों ने भी लोगों की जेब पर बोझ बढ़ाया है। लोग लगातार कीमतें कम करने की मांग कर रहे हैं।