क्या है महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा को लेकर चल रहा विवाद?
महाराष्ट्र में धार्मिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और हनुमान चालीसा को लेकर सियासत गरमाई हुई है और मामले में एक सांसद और उनके विधायक पति को गिरफ्तार तक किया जा चुका है। लाउडस्पीकर के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, हालांकि भाजपा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने इसमें शामिल न होने का ऐलान किया है। ये पूरा विवाद क्या है और इसकी शुरूआत कैसे हुई, आइए आपको बताते हैं।
कैसे हुई विवाद की शुरूआत?
कई राज्यों में लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर विवाद के बीच MNS प्रमुख राज ठाकरे ने इस महीने की शुरूआत में चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। इसके बाद 10 अप्रैल को MNS कार्यकर्ताओं ने कल्याण स्थित शिवसेना के मुख्यालय के बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजा दी। मामले में एक MNS नेता को हिरासत में भी लिया गया।
राज ठाकरे की चेतावनी पर महाराष्ट्र सरकार ने क्या किया?
विवाद को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 18 अप्रैल को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि अब से राज्य में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। नासिक में इसके लिए 3 मई तक का समय दिया गया था। जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे मुस्लिम संगठनों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और मस्जिदों से लाउडस्पीकर लगाने से पहले अनुमति लेने को कहा। हालांकि फिर भी ये विवाद थमा नहीं।
सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति विवाद में कैसे पड़े?
लाउडस्पीकर पर इस विवाद के बीच अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने उद्धव ठाकरे से मातोश्री के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने की मांग की और ऐसा न करने पर मातोश्री के बाहर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी दी। वे इसके लिए शनिवार को मुंबई पहुंचे, लेकिन बाद में अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। इसके बावजूद शनिवार शाम को मुंबई पुलिस ने दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना आमने-सामने
राणा दंपति की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है और पूछा है कि हनुमान चालीसा से उसे क्या दिक्कत है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो उद्धव की तुलना हिटलर तक से कर दी। वहीं शिवसेना ने जवाब में कहा है कि राणा दंपति को हनुमान चालीसा पढ़ने की शुरूआत प्रधानमंत्री आवास और संसद से करनी चाहिए। मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि अलग-अलग धार्मिक समूहों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते।
अब आगे क्या?
आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल मुद्दे पर केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से मिलेगा और उनसे लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर राष्ट्रीय स्तर पर नियम बनाने की अपील करेगा। सरकार के इस कदम के बावजूद ये विवाद थमेगा, इसकी उम्मीद बेहद कम है। फडणवीस ने राणा दंपति के समर्थन में हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया है और सरकार को उन पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज करने की चुनौती दी है।