I&B मंत्रालय का आदेशः सीरियल्स के शुरुआत और आखिर में भारतीय भाषाओं में क्रेडिट दें चैनल
क्या है खबर?
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टीवी चैनलों को एक नया आदेश जारी किया है।
इस आदेश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को अपने सीरियल्स की शुरुआत और आखिर में भारतीय भाषाओं में क्रेडिट देने को कहा गया है।
आदेश के मुताबिक, कई बार देखा गया है कि टीवी चैनल केवल इंग्लिश में क्रेडिट देते हैं। भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए उन्हें ये टाइटल भारतीय भाषाओं में देने को कहा गया है।
योजना
सिनेमा के लिए भी जारी होगा आदेश
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने इस आदेश के बारे में बात करते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं के अलावा अगर कोई टीवी चैनल इंग्लिश में क्रेडिट या टाइटल देना चाहता है तो उसे इसकी इजाजत है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी प्रकार की रोक नहीं लगा रही बल्कि भारतीय भाषाओं को जोड़ रही है।
सूचना और प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि सिनेमा के लिए भी ऐसा आदेश जारी किया जाएगा।
ट्विटर पोस्ट
सूचना और प्रसारण मंत्री ने दी जानकारी
Union IB Minister Prakash Javadekar: In addition to Indian language if they want to give titles and credits in English as well, they are free to do so. So we are not restricting anything, we are actually adding the Indian languages. We are issuing such orders for cinema also. https://t.co/aoskzYfTpR
— ANI (@ANI) June 14, 2019
सर्कुलर
दक्षिण रेलवे ने जारी किया था हिंदी और इंग्लिश में बात करने का सर्कुलर
दक्षिण रेलवे ने स्टेशन स्टाफ और ऑपरेटर कंट्रोलर को आधिकारिक संचार के लिए केवल हिंदी या इंग्लिश का इस्तेमाल करने का सर्कुलर जारी किया था।
बुधवार को जारी इस सर्कुलर में कहा गया है कि संचार के लिए केवल हिंदी या इंग्लिश का इस्तेमाल किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचा जा सके।
सर्कुलर के मुताबिक, इसका उद्देश्य कंट्रोलर और मुख्यालय के बीच संचार को बेहतर बनाना है।
विरोध
सर्कुलर का विरोध शुरू
दक्षिण रेलवे द्वारा जारी इस सर्कुलर का विरोध शुरू हो गया है।
तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी DMK के मुखिया एमके स्टालिन ने कहा कि इसके माध्यम से रेलवे तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस सर्कुलर के माध्यम से रेलवे अपने अधिकारियों पर दबाव बना रहा है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी को थोपने का प्रयास कर रही है।