कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पुलिस प्रमुख को दी धमकी, 'नालायक' बताया
क्या है खबर?
कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस फिर से सत्ता में आती है तो DGP के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने दावा किया कि DGP सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का बचाव कर रहे हैं और कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं।
बयान
शिवकुमार ने DGP को कहा 'नालायक'
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पुलिस महानिदेशक के लिए 'नालायक' शब्द का इस्तेमाल किया। एक वीडियो में वे ये शब्द बोलते सुनाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, "DGP ने सेवा में तीन साल पूरे कर लिए हैं। आप कितने दिन उन्हें रखना और उनकी पूजा करना चाहते हैं? उन्होंने हमारे खिलाफ 25 से ज्यादा मामले दर्ज कराए हैं। कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो DGP के खिलाफ एक्शन लेगी।"
आरोप
भाजपा पर लगाया समुदायों के बीच जहर बोने का आरोप
शिवकुमार ने भाजपा पर चुनाव से पहले समुदायों के बीच जहर के बीज बोने का आरोप लगाते हुए कहा, "उनके (उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा) के नाम पर प्रवेश द्वार बनाए गए हैं और वोक्कालिगा समुदाय का अपमान किया गया है। किसने उन्हें उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने के लिए कहा? क्या उनके अस्तित्व को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज हैं?"
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री की कर्नाटक यात्रा के बाद से गरमाया है विवाद
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। इस दौरान DGP ने नन्जे गौड़ा और उरी गौड़ा के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की अनुमति दी थी।
हिन्दू कार्यकर्ताओं के मुताबिक, नन्जे और उरी ने मैसूरु के शासक टीपू सुल्तान की हत्या की थी।
शिवकुमार ने कहा था कि DGP ने नन्जे गौड़ा और उरी गौड़ा के नाम पर प्रवेश द्वार की अनुमति देकर इतिहास को विकृत करने की अनुमति दी है।
चुनाव
कर्नाटक में इस साल होना है विधानसभा चुनाव
कर्नाटक की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है। ऐसे में राज्य में जल्द विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
कांग्रेस ने चुनावों में 150 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 224 विधानसभा सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 113 सीटें जीतना जरूरी है।
2018 के चुनावों में कांग्रेस ने 80 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 104 और जनता दल (सेक्युलर) ने 37 सीटों पर जीत हासिल की थी।