मुंबई में टीपू सुल्तान को लेकर क्यों विवाद हो रहा है?
क्या है खबर?
18वीं सदी के मैसूर के राजा टीपू सुल्तान एक बार फिर से सुर्खियों में हैं और इस बार उनसे संबंधित विवाद मुंबई में उठा है।
ये विवाद शहर के एक मैदान का नामकरण टीपू सुल्तान के नाम पर करने के कारण पैदा हुआ है। भाजपा इसका विरोध कर रही है और उसने कहा है कि वो टीपू के नाम पर मैदान पर नामकरण नहीं करने देगी।
ये पूरा मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से समझाते हैं।
मैदान
किस मैदान को लेकर हुआ विवाद?
मुंबई में जिस मैदान को लेकर विवाद है, वो मलाड के मुस्लिम बहुल इलाके मालवानी में स्थित है। स्थानीय तौर पर लोग इस मैदान को 'टीपू सुल्तान मैदान' के तौर पर जानते हैं।
पिछले साल मालवानी विधानसभा से विधायक और मुंबई उपनगर मंत्री असलम शेख ने अपने विधायक के फंड से इस मैदान को ठीक कराया था और इसमें नई सुविधाएं भी जोड़ीं।
इस बुधवार को शेख ने नई सुविधाओं के उद्घाटन के लिए एक कार्यक्रम भी रखा था।
विरोध
भाजपा क्यों कर रही विरोध?
भाजपा का आरोप है कि शेख ने ये कार्यक्रम मैदान का नामकरण टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के लिए आयोजित किया था।
राज्य के नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हम मैदान का नामकरण एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर नहीं रखने देंगे जो बड़ी संख्या में हिंदुओं की मौत के लिए जिम्मेदार है।"
इस तथाकथित नामकरण के विरोध में भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के समर्थकों ने मैदान के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन भी किया।
सरकार का रुख
महाराष्ट्र सरकार का मुद्दे पर क्या रुख है?
राज्य सरकार ने अभी तक मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया है, वहीं सरकार में शामिल शिवसेना ने खुद को नामकरण से दूर कर दिया है।
पार्टी नेता और सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने मैदान का नामकरण टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रस्ताव BMC के सामने नहीं रखा गया है।
विधायक का पक्ष
शेख का क्या कहना है?
शेख ने कहा है कि कई सालों से मैदान को टीपू सुल्तान मैदान के नाम से जाना जाता है और इसके नामकरण को लेकर कोई भी आधिकारिक प्रस्ताव नहीं रखा गया है।
शेख ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मैदान का नाम टीपू सुल्तान से कैसे जुड़ा। उनके अनुसार, BMC की नीति है कि वह स्थानीय लोगों में किसी प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति के नाम से चर्चित जगहों के नाम में बदलाव नहीं करती है।
आरोप
शेख ने भाजपा पर लगाया मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप
भाजपा पर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए शेख ने कहा, "पूर्व में भाजपा के कई पार्षद जगहों के नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के लिए पत्र लिख चुके हैं। अब भाजपा को अचानक से इससे परेशानी क्यों होने लगी? क्या भाजपा अपने नेताओं के इस्तीफे मांगेगी?"
बता दें कि मुंबई में भाजपा-शिवसेना की सरकार के दौरान दो सड़कों का नामकरण टीपू सुल्तान के नाम पर किया जा चुका है।
परिचय
कौन थे टीपू सुल्तान?
टीपू सुल्तान 1782 से लेकर 1799 तक मैसूर के सुल्तान (राजा) रहे थे। वे अंग्रेजों के कड़े विरोधी थे और उन्होंने अहम युद्धों में ईस्ट इंडिया कंपनी को पराजित भी किया था। हालांकि 1799 में हुए चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में मारे गए।
टीपू को रॉकेट की तकनीक विकसित करने का श्रेय भी दिया जाता है और उन्हें युद्ध के दौरान कई छोटी-छोटी रॉकेट से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए।
हालांकि उन पर हिंदुओं के नरसंहार के आरोप भी लगते रहे हैं।