राज्यपालों के पास नहीं होता है कोई काम, कश्मीर का राज्यपाल पीता है शराब- सत्यपाल मलिक
गोवा के वर्तमान राज्यपाल और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने देश के राज्यपालों के काम पर ही सवाल खड़ कर दिए। उन्होंने कहा कि राज्यपालों के पास कोई काम नहीं होता है और वो आराम से रहते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल शराब पीता है और गोल्फ खेलता है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
झगड़ो से दूर रहते हुए आराम से रहते हैं राज्यपाल- मलिक
सत्यपाल मलिक उत्तर प्रदेश में अपने गृहनगर बागपत के दौरे पर थे। यहां उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल का कोई काम नहीं होता। कश्मीर में जो गवर्नर होता है वो अक्सर दारू पीता है और गोल्फ खेलता है। बाकी जगह के राज्यपाल आराम से रहते हैं और किसी झगड़े में नहीं पड़ते हैं। यही राज्यपाल का काम होता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में अच्छे से अच्छा काम करने का प्रयास किया।
बिहार की शिक्षा में सुधार करने का किया प्रयास
सत्यपाल मलिक ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उन्हें जब बिहार में भेजा गया और वहां उन्होंने शिक्षा में सुधार करने का पूरा प्रयास किया। वहां नेताओं के 110 कॉलेज थे और उनमें एक भी अध्यापक नहीं होता था। वहां Bed का दाखिला कराने के लिए तीस लाख रुपये लिए जाते थे, इम्तिहान करते थे और डिग्री देते थे। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने सारे सिस्टम को बदला और सेट्रलाइज्ड इम्तिहान कराया। यह वहां की बड़ी उपलब्धि रही।
यहां देखें पूरा वीडियो
मलिक ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को बताया मुश्किल काम
सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना काफी मुश्किल काम था, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कर दिखाया। अब वहां की जनता स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से पड़ोसी देश बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो उसे PoK से भी हाथ धोना पड़ सकता है। कश्मीर के नेताओं ने अपनी राजनीति बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर को देश से अब तक दूर रखा।
ये होते हैं राज्यपाल के कार्य और शक्तियां
भारतीय संविधान में राज्य की कार्यकारी और विधायी शक्तियां राज्यपाल को दी गई हैं। राज्यपाल के पास राज्य की मुख्यमंत्री की नियुक्ति, राज्य के महाधिवक्ता और राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, राज्य विधानमंडल या विधानसभा का सत्र बुलाने और उसे भंग करने की शक्तियां हैं। राज्यपाल की पूर्व अनुमति के बिना धन विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। राज्य की आकस्मिकता निधि व किसी बिल को कानून बनाने पर राज्यपाल का नियंत्रण होता है।
मलिक ने पहले भी दिया था विवादित बयान
सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहने के दौरान भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने 21 जुलाई, 2019 को कारगिल और लद्दाख़ पर्यटन उत्सव कार्यक्रम में कहा था, "यहां के लड़के सुरक्षाकर्मियों को मार रहे हैं, आप इन्हें क्यों मार रहे हैं? आप उन्हें मारिए जो प्रदेश को लूट रहे हैं। जो कश्मीर की संपत्ति लूट रहे हैं, उन्हें मारिए।" मलिक के उस बयान की निंदा होने के बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी थी।