कश्मीर में 2G इंटरनेट सर्विस बहाल, सोशल मीडिया पर रोक अब भी जारी
क्या है खबर?
कश्मीर में पांच महीने से ज्यादा समय के बाद शनिवार को मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवा बहाल कर दी गई है।
यह फैसला जम्मू में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया। शनिवार आधी रात से पूरे कश्मीर में 2G इंटरनेट सेवा फिर से शुरू हो जाएगी।
बता दें कि कुपवाड़ा और बारामूला में पिछले सप्ताह से ही 2G मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल हो गई थी। हालांकि, सोशल मीडिया पर रोक अब भी जारी रहेगी।
फैसला
सुरक्षा स्थिति को देखकर लिया गया फैसला
कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट शुरू करने का फैसला जिला पुलिस अधिकारियों की सहमति के बाद हुआ है।
गौरतलब है कि कश्मीर के सरकारी दफ्तरों, होटल और अस्पतालों में ब्रॉडबैंड सुविधा पहले से ही बहाल है।
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले से पहले इंटरनेट सेवा पर रोक समेत कई प्रतिबंध लागू किए गए थे। धीरे-धीरे ये प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं।
मांग
उठाई जा रही थी इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग
उत्तर कश्मीर के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया था कि इंटरनेट सेवा शुरू होने जा रही है।
लंबे समय से कश्मीर में इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की जा रही है। मुख्यधारा के कुछ नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल जीसी मुर्मु से मिलकर यह मांग उठाई थी।
इसके अलावा इस महीने कश्मीर दौरे पर गए विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल ने इंटरनेट शुरू करने की मांग उठाई थी।
आदेश
31 जनवरी को होगी आदेश की समीक्षा
हालांकि, अब भी आंशिक तौर पर इंटरनेट पर रोक बरकरार रहेगी और लोग सिर्फ 301 वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर सकेंगे।
ये वेबसाइट्स में सर्च इंजन और बैंकिंग, शिक्षा, समाचार, यात्रा, सुविधाएं और रोजगार से संबंधित हैं।
जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि ये सेवाएं 31 जनवरी तक बहाल रहेंगी। उसकेे बाद फिर से इस आदेश की समीक्षा की जाएगी।
अगले कुछ दिनों में सोशल मीडिया से भी रोक हटाई जा सकती है।
जानकारी
पिछले सप्ताह शुरू हुई थी SMS और वॉइस कॉल सेवा
पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में 2G मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड इंटरनेट, वॉइस कॉल और SMS सर्विस को बहाल किया गया था। उस समय ये सेवाएं जम्मू के 10 और जम्मू के दो जिलों में शुरू की गई थी।
आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था पाबंदियों की समीक्षा का आदेश
जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और अन्य सेवाओं पर लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को फैसला दिया था।
कोर्ट ने इंटरनेट और अन्य सेवाओं पर अनिश्चितकालीन रोक को अनुचित बताते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से एक हफ्ते के अंदर यहां लगी सभी पाबंदियों की समीक्षा करने का आदेश दिया था।
इस दौरान कोर्ट ने इंटरनेट को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत एक मौलिक अधिकार करार दिया था।
प्रतिबंध की वजह
इसलिए लगाई गई थी जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को राष्ट्रपति के एक आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। इसके अलावा राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला लिया गया था।
फैसले के खिलाफ विरोध की संभावना को देखते हुए राज्य में इंटरनेट, केबल टीवी और मोबाइल सेवाओं पर रोक समेत तमाम तरह की पाबंदियां लगाईं गईं थीं। इनमें से कुछ पाबंदियां धीरे-धीरे हटा ली गईं।