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    ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में 10 स्थान नीचे फिसला भारत, जानें क्या रहे कारण

    ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में 10 स्थान नीचे फिसला भारत, जानें क्या रहे कारण
    लेखन मुकुल तोमर
    Jan 22, 2020, 06:10 pm 1 मिनट में पढ़ें
    ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में 10 स्थान नीचे फिसला भारत, जानें क्या रहे कारण

    ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। इंडेक्स में भारत 10 स्थान फिसलकर 51वें स्थान पर पहुंच गया है। 2018 में भारत 41वें स्थान पर था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के कारण नागरिक स्वतंत्रता में कमी को भारत के लोकतंत्र में गिरावट का कारण बताया गया है। इस इंडेक्स में नॉर्वे पहले और उत्तर कोरिया आखिरी स्थान पर है।

    क्या है डेमोक्रेसी इंडेक्स?

    'द इकॉनोमिस्ट समूह' की इकॉनोमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट हर साल ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी करती है जिसमें दुनियाभर के देशों में लोकतंत्र की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। इसमें निष्पक्ष चुनाव, बहुलवाद, सरकार के कामकाज करने के तरीके, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति और नागरिक स्वतंत्रता के आधार पर देशों को नंबर देकर उनकी रैंकिंग तय की जाती है। 2019 की रैंकिंग में 165 देशों और दो क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

    भारत को मिले 10 में से 6.9 नंबर

    2019 में भारत को 10 में से 6.90 नंबर दिए गए हैं और वो 51वें स्थान पर है, जबकि पिछले साल वो 7.23 नंबर के साथ 41वें स्थान पर था। डेमोक्रेसी इंडेक्स में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए बदलावों और असम में NRC के दौरान हुई गड़बड़ियों को इस गिरावट के लिए जिम्मेदार बताया गया है। इसमें नए नागरिकता कानून (CAA) का भी जिक्र किया गया है जिसके कारण देशभर में प्रदर्शन देखने को मिले।

    जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों को किया गया जिक्र

    इंडेक्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्वायत्ता देने वाले दो संवैधानिक प्रावधान खत्म कर उसका विशेष दर्जा खत्म कर दिया। इसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। इस फैसले से पहले सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए, स्थानीय नेताओं को घर में नजरबंद किया जिनमें भारत समर्थक नेता भी शामिल हैं। सरकार ने राज्य में इंटरनेट पर भी रोक लगा दी।"

    असम NRC और नागरिकता कानून भी गिरावट का कारण

    वहीं असम NRC के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, "असम में हुई NRC की अंतिम सूची से 19 लाख लोग बाहर हुए। NRC से बाहर किए गए ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं... आलोचक कहते हैं कि ये प्रक्रिया मुस्लिमों को निशाना बनाती है और इससे धर्म आधारित डेमोग्राफी में बदलाव हो सकता है।" वहीं नागरिकता कानून के बारे में कहा गया है कि इससे मुस्लिमों में नाराजगी देखने को मिली है और बड़े शहरों में बड़े प्रदर्शन हुए हैं।

    नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद रैंकिंग में गिरावट

    गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में गिरावट देखी जा रही है। 2016 में भारत इसमें 32वें स्थान पर रहा था, जबकि 2017 में 42वें और 2018 में 41वें स्थान पर रहा।

    अन्य देशों और भारत के पड़ोसियों का ये रहा हाल

    अन्य देशों की बात करें तो 9.87 नंबर के साथ नॉर्वे इंडेक्स में शीर्ष पर है। वहीं उत्तर कोरिया 1.08 नंबर के साथ सबसे निचले स्थान पर है। वहीं भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन को 2.26 नंबर मिले हैं और वो 153वें स्थान पर है। 4.25 अंकों के साथ पाकिस्तान 108वें, 6.27 अंकों के साथ श्रीलंका 69वें और 5.88 अंकों के साथ बांग्लादेश 80वें स्थान पर है।

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