यहां सरकारी स्कूलों में शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर लगा बैन
राजस्थान के टोंक जिले के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मचारी अब जींस और टी-शर्ट पहनकर स्कूल नहीं आ सकेंगे। जिले के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने जींस और टी-शर्ट को "गरिमा व भारतीय संस्कृति के खिलाफ" बताते हुए शिक्षक और कर्मचारियों के इसके स्कूल में पहनकर आने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कर्मचारियों को सादा व शोभनीय पैंट और शर्ट पहनकर स्कूल आने का आदेश दिया है। इससे सभी कर्मचारी सकते में आ गए हैं।
बच्चों के बीच पेश करेंगे नया उदाहरण
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शिवराम सिंह यादव ने आदेश जारी कर कहा है कि देश में पश्चिमी संस्कृति बढ़ती जा रही है। शिक्षक और कर्मचारियों के उसका अनुसरण करने से बच्चों में भी उसे अपनाने का संदेश जा रहा है। जींस और टी-शर्ट भारतीय संस्कृति और गरिमा के खिलाफ है। ऐसे में कर्मचारियों को शोभनीय पैंट-शर्ट पहनने के लिए कहा गया है। इससे बच्चों के बीच अलग उदाहरण पेश हो सकेगा।
DEO के इस आदेश का विरोध शुरू
DEO की ओर से स्कूलों में जींस और टी-शर्ट नहीं पहनकर आने का शिक्षक व कर्मचारी संघों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। राजस्थान शिक्षक और पंचायतीराज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह सिसोदिया ने कहा कि यह आदेश DEO की जगह निदेशक की ओर से जारी किया जाना चाहिए। शिक्षा निदेशालय को इस आदेश को निरस्त करना चाहिए। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक और स्कूल कर्मचारियों के लिए ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की हुई है।
तुगलकी फरमान से पहुंची शिक्षकों की गरिमा को ठेस
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि यह आदेश बिना सोचे समझे निकाला गया है। उच्चाधिकारियों को इसे तुरंत वापस लेने के आदेश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से पोशाक को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं होने के बाद भी इस तरह के आदेश से शिक्षक और स्कूल कर्मचारियों की गरिमा को ठेस पहुंची है। पूरा शिक्षक और कर्मचारी संघ इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
प्रदेश में पहले भी जारी हो चुके हैं ऐसे फरमान
प्रदेश में इस तरह का आदेश देने का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2018 में भी कॉलेज शिक्षा निदेशालय के निदेशक ने कॉलेजों में जींस, टी-शर्ट व टॉप की जगह पेंट, शर्ट, सलवार-कमीज या साड़ी पहनने का आदेश दिया था। विरोध होने पर सरकार ने इसे वापस ले लिया था। गत वर्ष स्कूल शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने भी स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल फोन लाने पर बैन लगा दिया था। यह आदेश अभी भी जारी है।
इन राज्यों में भी लग चुके हैं बैन
वर्ष 2017 में दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब के कुछ स्कूलों और उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों में भी बच्चों को "संस्कारी" बनाने के नाम पर जींस और टी-शर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई थी। इसी तरह 2016 में जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों के मोबाइल फोन लाने और जींस-टी-शर्ट पहनने पर रोक लगाई गई थी। इन आदेशों के खिलाफ भी शिक्षक और विद्यार्थियों ने जमकर विरोध जताया था।