वीरता पुरस्कार के लिए 22 बच्चों के नाम का ऐलान, जानिये इनकी कुछ बहादुरी भरी कहानियां
जम्मू-कश्मीर के दो बच्चों और कर्नाटक में आई बाढ़ के दौरान एंबुलेंस को रास्ता दिखाने वाले बच्चे को इस साल के वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस साल के वीरता पुरस्कार के लिए कुल 22 बच्चों का नाम घोषित किया गया है, जिनमें से 10 लड़के और 12 लड़कियां हैं। इनमें से एक बच्चे को पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा। पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम का ऐलान भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) ने किया है।
1957 से दिए जा रहे हैं वीरता पुरस्कार
ICCW एक गैर-सरकारी संस्था है, जो 1957 से बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को पुरस्कार दे रही हैै। अभी तक 1,004 बच्चों को ये पुरस्कार दिए जा चुके हैं, जिनमें से 703 लड़के और 301 लड़कियां हैं।
केरल के आदित्य को मिलेगा शीर्ष वीरता पुरस्कार
ICCW का सबसे बड़ा सम्मान भारत अवार्ड केरल के आदित्य को प्रदान किया जाएगा। आदित्य ने पर्यटकों से भरी बस मे आग लगने पर बहादुरी दिखाते हुए बस के शीशे तोड़कर 40 से ज्यादा लोगों को बचाया था। घटना के समय आदित्य उस बस में सवार था। आग लगने के बाद बस का ड्राइवर बस छोड़कर भाग गया था। ऐसे में आदित्य ने बहादुरी और सूझबूझ से शीशे तोड़े और यात्रियों को बाहर निकलने में मदद की।
केरल के मुहसिन को मिलेगा अभिमन्यु अवॉर्ड
केरल के कोझीकोड के 16 वर्षीय मुहम्मद मुहसिन को मरणोपरांत इस साल का अभिमन्यु पुरस्कार दिया जाएगा। मुहसिन ने पिछले साल अप्रैल में अपने तीन दोस्तों को बचाते हुए अपनी जान दे दी थी। उसके अलावा बडगाम के रहने वाले 19 वर्षीय मुदासिर अशरफ और कुपवाड़ा के रहने वाले 16 वर्षीय मुहिदीन मुगल को शौर्य दिखाने के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। मुगल को इस साल के ICCW श्रवण पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुगल ने दिखाई यह वीरता
मुगल ने बताया, "मैं कुपवाड़ा के तुमिना गांव में अपने घर पर था। इसी दौरान मेरे घर की पहली मंजिल पर एक गोला आकर गिरा और मेरा कमरा धुएं से भर गया। मैं तुरंत वहां से कूदा और ग्राउंड फ्लोर की तरफ भागा, जहां मेरे माता-पिता और बहने बैठी थीं। मैंने अपनी आठ साल की बहन सादिया को गोद में उठाया और वहां से भागा। मेरे पीछे मेरे माता-पिता भागे। इसके बाद हमारा घर ढह गया।"
एंबुलेंस को रास्ता दिखाने वाले बच्चे को भी ईनाम
कर्नाटक के 11 वर्षीय वेंकटेश को बाढ़ के दौरान एंबुलेंस को रास्ता दिखाने के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं जम्मू-कश्मीर के अशरफ ने हेलिकॉप्टर हादसे के बाद लोगों को बचाने की कोशिश की थी। इसके लिए उन्हें भी पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने बताया, "हेलिकॉप्टर का कोई टुकड़ा एक ग्रामीण को आकर लगा, जिससे उसमें आग लग गई। मैंने मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया। मैंने काफी कोशिश की थी।"
मां और मौसी को डूबने से बचाने वाले बच्चे को भी अवॉर्ड
असम के रहने वाले 12 वर्षीय कृष्णा दास का नाम भी पुरस्कार पाने वाले बच्चों में शामिल है। दास ने अपनी मां और मौसी को ब्रह्मपुत्र नदी में डूबने से बचाया था।
पुरस्कारों को लेकर पिछले साल हुआ था विवाद
पिछले साल राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार को लेकर विवाद हुआ था। दरअसल, 2019 तक रक्षा मंत्रालय ICCW के साथ मिलकर ये पुरस्कार देता था, लेकिन 2019 में रक्षा मंत्रालय ने खुद को इससे अलग कर लिया था। इसके बाद महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार में वीरता कैटेगरी को बढ़ाकर तीन बच्चों को अलग से सम्मानित करने का फैसला किया था। कहा गया था कि ICCW के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया था।