क्षेत्रीय पार्टियों को 'अज्ञात' स्त्रोतों से मिला आधे से अधिक चंदा- ADR रिपोर्ट
क्या है खबर?
वित्तीय वर्ष 2019-20 में देश की क्षेत्रीय पार्टियों को आधे से अधिक चंदा 'अज्ञात' स्त्रोतों से मिला था।
गुरुवार को आई एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, 'अज्ञात' स्त्रोतों से आए चंदे में से 95 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये आया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय में करीब 71 प्रतिशत चंदा 'अज्ञात' स्त्रोतों से आता है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
अज्ञात स्रोतों से आय का क्या मतलब?
अज्ञात स्रोतों से आय का मतलब आयकर रिटर्न में घोषित उस राशि से है जिसमें दानकर्ता के नाम की जानकारी नहीं होती और दान में हासिल की की गई राशि 20,000 से कम होती है।
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इन पार्टियों को 'अज्ञात' स्त्रोतों से मिला सबसे ज्यादा चंदा
2019-20 में 25 क्षेत्रीय पार्टियों को 803.24 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जिनमें से 445.7 करोड़ (करीब 55 प्रतिशत) 'अज्ञात' स्त्रोतों से आए थे।
वहीं 'अज्ञात' स्त्रोतों से मिले चंदे में से 426 करोड़ से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड और करीब पांच करोड़ स्वैच्छिक योगदान से मिले थे।
'अज्ञात' स्त्रोतों से चंदा पाने वाली पार्टियों में तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेलुगू देशम पार्टी, DMK, YSR कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) आदि सबसे आगे हैं।
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किस पार्टी को कितना चंदा?
तेलंगाना राष्ट्र समिति को 'अज्ञात' स्त्रोतों से 89.1 करोड़ रुपये, तेलुगू देशम पार्टी को 81.6 करोड़ रुपये, YSR कांग्रेस को 74.7 करोड़ रुपये, ओडिशा की बीजू जनता दल को 50.5 करोड़ रुपये और DMK को 45.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।
वहीं वित्त वर्ष 2018-19 की बात करें तो इस साल 23 क्षेत्रीय पार्टियों की कुल 885.9 करोड़ रुपये की आय में से 481.2 करोड़ रुपये (54.3 प्रतिशत) हिस्सा 'अज्ञात' स्त्रोतों से आया था।
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ज्ञात स्त्रोतों से कितना चंदा मिला?
क्षेत्रीय पार्टियों को ज्ञात स्त्रोतों से 184.6 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जो उनकी आय का करीब 23 प्रतिशत हिस्सा है। इन पार्टियों को 172.8 करोड़ रुपये (आय का 21.52 प्रतिशत हिस्सा) सदस्यता फीस, बैंक ब्याज, प्रकाशनों की बिक्री आदि स्त्रोतों से मिला है।
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राष्ट्रीय दलों को 'अज्ञात' स्त्रोतों से मिला 3,377 करोड़ का चंदा
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में अज्ञात स्त्रोतों से कुल 3,377 करोड़ रुपये का भारी भरकम चंदा हासिल किया था, जो उनकी कुल आय का 70.98 प्रतिशत है।
अज्ञात स्त्रोतों से चंदा हासिल करने में भाजपा ने सभी दलों को पछाड़ दिया और सबसे ज्यादा 2,642.63 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया। वहीं कांग्रेस को इस तरीके से 526 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।
ज्ञात स्त्रोतों से इन पार्टियों को 1,013.805 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
सुझाव
ADR ने पारदर्शिता के लिए दिए ये सुझाव
ADR ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजनीतिक दलों की आय में से अधिकतर के असली स्त्रोत का पता नहीं लग पाता। इसलिए सभी दानदाताओं की पूरी जानकारी RTI के तहत लाई जानी चाहिए।
इसने सुझाव दिया है कि विदेशी मदद पाने वाली किसी भी संगठन को किसी उम्मीदवार या पार्टी को मदद देने का हक नहीं होना चाहिए। साथ ही पार्टियों को हर प्रकार का चंदा देने वाले लोगों की जानकारी ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करनी चाहिए।