नई मोदी सरकार के 51 मंत्री करोड़पति, 22 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज- रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री मोदी के अलावा 57 मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। चुनाव और नेताओं पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रिट रिफॉर्म्स (ADR) ने प्रधानमंत्री और मंत्रियों द्वारा दिए गए शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। 58 में 56 शपथपत्रों के विश्लेषण के बाद ADR ने बताया कि 56 मंत्रियों में से 51 मंत्री करोड़पति हैं और 22 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मंत्रियों की औसत संपत्ति 14.7 करोड़
ADR के मुताबिक, कैबिनेट के 91 प्रतिशत सदस्य करोड़पति हैं और इनकी औसत संपत्ति 14.72 करोड़ रुपये है। इनमें से हरसिमरत कौर बादल, पीयूष गोयल, राव इंद्रजीत सिंह और अमित शाह ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई है। वहीं प्रताप चंद्र सारंगी, कैलाश चौधरी, वी मुरलीधरन, रामेश्वर तेली और देबाश्री चौधरी ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से कम बताई है। सारंगी की सादगी मीडिया में काफी चर्चा बटोर रही है।
हरसिमरत कौर बादल सबसे अमीर मंत्री
हरसिमरत कौर बादल की संपत्ति 217 करोड़ रुपये है। इसके साथ वह मोदी कैबिनेट की सबसे अमीर मंत्री हैं। हरसिमरत के बाद महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद और रेल मंत्री पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपये है। गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनी मंत्री हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 42 करोड़ रुपये घोषित की है। इसके बाद पहली बार केंद्रीय मंत्री बने अमित शाह का नंबर है। उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई है।
रामविलास पासवान और जयशंकर के शपथपत्रों का विश्लेषण नहीं
चुनाव से पहले चुनाव आयोग में सौंपे गए शपथपत्रों के आधार पर 16 मंत्रियों ने खुद पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी बताई है। इनमें से पांच मंत्रियों ने खुद पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी बताई है। ADR ने बताया कि उसने कैबिनेट में शामिल विदेश मंत्री एस जयशंकर और उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान के शपथपत्र का विश्लेषण नहीं किया है। दरअसल, ये दोनों मंत्री अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं
22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
मोदी सरकार के नए कैबिनेट में शामिल 22 मंत्रियों (39 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 16 मंत्रियों (29 प्रतिशत) ने खुद के खिलाफ गंभीर प्रवृति के अपराध जैसे हत्या की कोशिश, सांप्रदायिक द्वेष फैलाने आदि के मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। वी मुरलीधरन के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है। पिछली बार की तुलना में इस बार 8 प्रतिशत ज्यादा मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ये हैं मोदी सरकार-2 के कैबिनेट मंत्री
राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, हरसिमरत कौर बादल, थावरचंद गहलोत, स्मृति ईरानी, हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। ये पिछली सरकार में भी मंत्री थे। इनके अलावा अमित शाह, एस जयशंकर, रमेश पोखरियाल, अर्जुन मुंडा, प्रह्लाद जोशी, महेंद्र नाथ पांडेय, अरविंद सावंत, गिरिराज सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
इन नेताओं को मिला राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार
संतोष कुमार गंगवार, राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नायक, जितेंद्र सिंह, किरण रिजिजू, प्रहलाद पटेल, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और मनसुख मांडविया ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद की शपथ ली।
ये बने राज्यमंत्री
कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्रियों के अलावा फग्गन सिंह कुलस्ते, अश्विनी कुमार चौबे, अर्जुन राम मेघवाल, जनरल वीके सिंह, कृष्णपाल, रावसाहब दानवे, जी कृष्णा रेड्डी, अनुराग ठाकुर, सुरेश आंगड़ी, नित्यादनंद राय, रतन लाल कटारिया, वी मुरलीधरन, रेणुका सिंह, सोम प्रकाश, रामेश्वर तेली, पुरुषोत्तम रुपाला, रामदास अठावले, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबुल सुप्रीयो, संजीव कुमार बालियान, संजय धोत्रे, प्रतापचंद्र सारंगी, कैलाश चौधरी और देबाश्री चौधरी ने राज्यमंत्री की शपथ ली। राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्रियों के जूनियर के रूप में काम करते हैं।