कर्नाटक: मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का आरोप, भाजपा ने की 10 करोड़ रुपये में विधायक खरीदने की कोशिश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। कुमारस्वामी ने दावा किया कि भाजपा ने उसके एक विधायक को 10 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा खरीद-फरोख्त के जरिए कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन की सरकार को गिराना चाहती है। वहीं, भाजपा ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उसकी राज्य सरकार को गिराने की कोई मंशा नहीं है।
कुमारस्वामी ने कहा, रात को आया विधायक का फोन
अपने विधानसभा क्षेत्र चन्नापटना में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, "पिछली रात मैं जब सोने जा रहा था, तब हमारे एक विधायक ने मुझे फोन किया और हताश स्वर में बताया कि उसे भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। उससे कहा गया था कि सरकार अगली शाम तक गिर जाएगी और अन्य 10 बागियोें के साथ शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपये उसके घर पहुंच जाएंगे।"
येदियुरप्पा की चुनौती, भाजपा नेता का नाम बताएं कुमारस्वामी
कुमारस्वामी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने पेशकश करने वाले भाजपा नेता का नाम बताने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी ऐसे आरोप लगाते समय नामों का खुलासा नहीं करते हैं तो इसे पार्टी विधायकों पर संदेह के तौर पर देखा जाना चाहिए। इस बीच येदियुरप्पा ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि ऐसे तरीकों से सरकार गिराने की इच्छुक नहीं है।
'गठबंधन के टूटने का इंतजार करेगी भाजपा'
कुमारस्वामी को सलाह देते हुए येदियुरप्पा ने कहा, "कांग्रेस-JD(S) के 18-20 विधायक खफा हैं। उनको विश्वास में लीजिए और राज्य के विकास के लिए मिल कर काम कीजिए। राज्य के 70 फीसदी हिस्से में अब तक बारिश नहीं हुई है, भयानक सूखा है। हमें मिल कर काम करना चाहिए। विपक्ष के तौर पर हम भी सहयोग करेंगे।" इससे पहले वह कह चुके हैं कि भाजपा सरकार गिराने की बजाय गठबंधन के खुद से टूटने का इंतजार करेगी।
क्या है विधानसभा की स्थिति?
2018 विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की 224 सीटों में से 104 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के खाते में 80 और JD(S) के खाते में 38 सीटें गईं। अभी दो निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कांग्रेस-JD(S) गठबंधन के पास कुल 116 सीटें हैं, जो बहुमत के आंकड़े 113 से मात्र 3 सीट ज्यादा हैं। भाजपा के सरकार गिराने की कोशिशों के बीच गठबंधन में मतभेद की खबरें भी सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े करती रहती हैं।