
जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- सभापति सरकारी प्रवक्ता
क्या है खबर?
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को INDIA गठबंधन के सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण सभापति धनखड़ हैं।
खड़गे ने सभापति को सरकारी प्रवक्ता बताया और कहा, 3 सालों में सभापति का आचरण उनके पद के विपरीत रहा है, वे सरकार के कसीदे पढ़ते और खुद को RSS का एकलव्य बताते हैं।
विरोध
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे?
खड़गे ने कहा, "भारत के उपराष्ट्रपति पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संविधानिक पद है। महान विद्वान डॉ राधाकृष्णनन, डॉ शंकर दयाल शर्मा, जस्टिस हिदायतुल्ला, केआर नारायण समेत कई महान लोग इस पद पर बैठ चुके हैं। 1952 से अब तक किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ संविधान के आर्टिकल 67 के अंतर्गत अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष और पूरी तरह राजनीति से परे रहे हैं। उन्होंने केवल सदन के नियम के मुताबिक ही सदन चलाया था।"
बयान
नियम छोड़कर सदन में राजनीति हो रही है- खड़गे
खड़गे ने कहा, "आज सदन में नियम छोड़कर राजनीति ज्यादा हो रही है। अफसोस है कि संविधान के 75वें वर्षगांठ पर सभापति की ओर से हो रहे पक्षपात की वजह से हमें प्रस्ताव लाने को मजबूर किया है। पिछले 3 सालों में उनका आचरण पद के विपरीत रहा है। कभी वे सरकार के कसीदे पढ़ते हैं, तो कभी खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का एकलव्य बताते हैं। इस तरह की बयानबाजी उनके पद को शोभा नहीं देती।"
विरोध
सदन के नेताओं को अपमानित करते हैं सभापति- खड़गे
खड़गे ने कहा, "सभापति सदन के अंदर प्रतिपक्ष के नेताओं को अपने विरोधी की तरह देखते हैं। दोनों सदनों के जूनियर और सीनियर नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर उनको अपमानित करते हैं। 40-50 साल अनुभव वाले नेताओं की हेडमास्टर की तरह स्कूलिंग करते हैं, प्रवचन सुनाते हैं। विपक्ष 5 मिनट बोले तो सभापति 10 मिनट खुद बोलते हैं। सभापति विपक्ष के मुद्दों पर एक योजना के तहत बहस नहीं होने देते। विपक्ष को बोलने से रोका जाता है।"
बयान
अगला प्रमोशन चाहते हैं सभापति- खड़गे
खड़गे ने कहा, "सभपति की निष्ठा संविधान और संवैधानिक परंपराओं की जगह सत्ताधारी दल के लिए है। वे अपने अगले प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं। मुझे ये कहते हुए संकोच नहीं कि राज्यसभा में सबसे बड़ा व्यवधान सभापति खुद हैं। विपक्ष को संरक्षण सभापति देते हैं, लेकिन जो खुद सत्तापक्ष और प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे हो, तो विपक्ष की कौन सुनेगा। उनके आचरण ने देश की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है।"
बैठक
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे TMC और समाजवादी पार्टी के सांसद
INDIA गठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी मौजूद रहे। उन्होंने भी प्रस्ताव का समर्थन दिया है।
आम आदमी पार्टी के सांसदों के प्रेस कॉन्फ्रेंस में न होने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी चुनाव आयोग के साथ बैठक तय थी, जिससे वे नहीं आ सके, लेकिन उनके प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हैं।
खड़गे ने इस दौरान पत्रकारों से कहा कि उनके पास संख्याबल दिख नहीं रहा, लेकिन समय आने पर हो जाएगा।
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, INDIA गठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस
LIVE: Leaders of all INDIA parties in the Rajya Sabha address a press conference at the Constitution Club | New Delhi https://t.co/oLBhGJCtcl
— Congress (@INCIndia) December 11, 2024
प्रस्ताव
क्या राज्यसभा में पारित हो सकेगा अविश्वास प्रस्ताव?
फिलहाल राज्यसभा में 231 सदस्य हैं। ऐसे में प्रस्ताव को पारित होने के लिए 116 वोटों की जरूरत है। फिलहाल सत्तारूढ़ NDA के पास 120 सांसदों का समर्थन है।
INDIA गठबंधन का आंकड़ा 105 तक ही पहुंच पा रहा है। इसके अलावा 6 मनोनीत सदस्य भी हैं, जो आमतौर पर सत्ता पक्ष का समर्थन करते हैं।
अगर राज्यसभा में प्रस्ताव पारित हो भी गया तो लोकसभा में पारित करवाना अलग चुनौती है। संसद का सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा।