कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ जारी किया 'ब्लैक पेपर', प्रधानमंत्री मोदी ने बताया 'काला टीका'
कांग्रेस ने मोदी सरकार के 10 साल के खिलाफ आज 'ब्लैक पेपर' जारी किया। पार्टी ने इसे मोदी सरकार के 10 साल में युवाओं, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों पर हुए अन्याय से जुड़ा पेपर बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे जारी करते हुए कहा कि वे बेरोजगारी का मुख्य मुद्दा उठा रहे हैं, जिस पर भाजपा कभी बात नहीं करती, इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है।
खड़गे ने सरकार पर उठाए सवाल
खड़गे ने कहा, "सरकार कभी नहीं बताएगी कि कितने लोगों को नौकरी मिली। वे मनरेगा फंड जारी नहीं कर रहे हैं, राज्यों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। देश में लोकतंत्र को खतरा है। बीते 10 साल में 411 विधायकों को भाजपा ने अपने पाले में कर लिया है। उन्होंने कांग्रेस की कई सरकारें गिरा दीं। वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। आपने आज महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या किया है?"
खड़गे बोले- गैरजरूरी मुद्दों पर बोलते हैं मोदी
खड़गे ने कहा, "वे देश की मौजूदा महंगाई की तुलना नेहरू के जमाने से करते हैं। उन मुद्दों पर बोलते हैं, जो बिल्कुल भी प्रासंगिक नहीं हैं। रोजगार और MSP पर मोदी की गारंटी पूरी नहीं हुई। 3 काले कानून लाकर वापस क्यों लिये, इसका मतलब ये है कि इनको समझदारी नहीं और किसान को फंसाया जा रहा है। राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने PSU की संख्या बढ़ने की बात की थी। कौन से PSU बने, उन्होंने बताया नहीं।"
कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर क्या बोले प्रधानमंत्री?
कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "काले टीके से प्रगति को नजर नहीं लगती है। आज काला टीका लगाने का प्रयास हुआ। काले कपड़ों में सदन को फैशन शो देखने का भी मौका मिला था। पिछले 10 सालों में जो काम हुए हैं, उसको नजर न लग जाए, इसलिए खड़गे जी काला टीका लगाकर आए हैं। हमारे कामों को नजर न लगे, इसलिए आप जैसे वरिष्ठ सांसद काला टीका लगाकर आए तो ये अच्छी बात है।"
संसद में श्वेत पत्र ला सकती है केंद्र सरकार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद में केंद्र सरकार 2014 से पहले और बाद में भारत की आर्थिक स्थिति के बीच फर्क दिखाने के लिए 'श्वेत पत्र' (व्हाइट पेपर) पेश कर सकती है। भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार का 'श्वेत पत्र' 2014 में देश की खराब आर्थिक स्थिति को उजागर करेगा और दिखाएगा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के सत्ता से जाने के बाद भाजपा सरकार ने कैसे स्थिति में बदलाव किया है।
एक दिन बढ़ाया गया बजट सत्र
संसद का बजट सत्र भी एक दिन बढ़ाया गया है। पहले ये 9 फरवरी तक होना था, जिसे अब 10 फरवरी तक किया गया है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, इस दौरान न तो प्रश्नकाल होगा और न ही शून्यकाल। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले वर्तमान सदन का ये आखिरी सत्र है। इस बीच आज राज्यसभा के 56 सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है।