संसद भवन: बूम बैरियर से टकराई सांसद की कार तो सुरक्षाकर्मियों ने तान दी बंदूके
क्या है खबर?
संसद में चल रहे बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सत्र की शुरुआत से पहले ही हड़कंप मच गया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कौशांबी से सांसद और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर की कार संसद परिसर में प्रवेश के दौरान बूम बैरियर से टकरा गई।
कार के टकराते ही वहां लगा सुरक्षा अलार्म बज गया और सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गए। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने एक्शन लेते हुए अपने हथियार कार की ओर तान दिए।
घटना
सुरक्षाकर्मियों ने पहचान पत्र देखने के बाद नीचे की बंदूकें
जैसे ही सांसद की कार बैरियर से टकराई वैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने कार की तरफ बंदूकें तान दी। मौके की हालत देखकर एकबारगी तो सांसद घबरा गए।
इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने कार के पास जाकर चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह सांसद की कार है।
इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उनका पहचान पत्र देखा। उसके बाद उन्होंने हथियार नीचे किए।
सुरक्षाकर्मियों की संतुष्टि के बाद सांसद सोनकर ने संसद भवन में प्रवेश किया।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पूरा वीडियो
#WATCH Delhi: Security at Gate No. 1 in Parliament on alert after BJP MP Vinod Kumar Sonkar's car damaged as spikes placed at a distance of a boom barrier at the gate got activated after a car accidentally touched the boom barrier. pic.twitter.com/C3eAtYBSBL
— ANI (@ANI) March 3, 2020
गलती
चालक की गलती से हुआ हादसा
दरअसल यह पूरा घटनाक्रम सांसद के कार चालक की गलती हुआ था। भवन में प्रवेश के दौरान चालक आगे लगे बूम बैरियर से कार की दूरी का अंदाजा नहीं लगा सका और कार सीधी बैरियर से टकरा गई।
ऐसे में सायरन के बचते ही सुरक्षाकर्मी चौकस हो गए। सुरक्षाकर्मियों को लगा कि कोई गलत तरीके से संसद में घुसने का प्रयास कर रहा है।
इसी कारण उन्होंने अपनी बंदूके तान दी और बाद में सांसद की पहचान की।
पुरानी घटना
गत वर्ष कांग्रेस सांसद की कार सुरक्षा स्पाइक्स में फंस गई थी
ऐसी ही एक घटना गत वर्ष फरवरी में भी हुई थी। उस दौरान मणिपुर से कांग्रेस सांसद डॉ. थोकचोम मेनिया की कार प्रवेश के दौरान वहां लगी सुरक्षा स्पाइक्स के बीच फंस गई थी।
उस दौरान भी सुरक्षाकर्मियों ने अपनी बंदूके तान दी थी। हालांकि उस समय सांसद कार में नहीं थे।
इसी तरह दिसंबर 2018 में भी एक टैक्सी एंट्री प्वाइंट की बैरिकेडिंग से टकरा गई थी। उस दौरान भी सुरक्षाकर्मियों ने कार को घेर लिया था।
सुरक्षा
साल 2001 के आत्मघाती हमले के बाद मजबूत की गई थी सुरक्षा
आपको बता दें कि 13 दिसंबर, 2001 में पांच आतंकियों ने संसद में आत्मघाती हमला कर दिया था। उस हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
सुरक्षाकर्मियों ने चार आतंकियों को तो मार गिराया था, लेकिन एक ने खुद को बम से उड़ा लिया था।
उस हादसे के बाद से ही संसद की सुरक्षा को बेहद मजबूत कर दिया गया है। सुरक्षा में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है।
सिक्योरिटी सिस्टम
संसद में लागू है इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम
संसद में इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम है, जिसका अपना कंट्रोल रूम है। इसके जरिए संसद परिसर करीब 500 CCTV कैमरों के जरिए नजर रखी जाती है।
साफ्टवेयर आधारित सुरक्षा सिस्टम पर यही कंट्रोल रूम नजर रखता है। एक तरह से कहा जा सकता है कि इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम संसद की सुरक्षा की आंख-नाक और कान है। जिससे सुरक्षा के सभी चारों लेयर जुड़ी हुई है।
संसद में किसी भी कार के घुसते ही सुरक्षा सिस्टम चालू हो जाता है।