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खतरे में कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार? भाजपा पर विधायकों को बंधक बनाने का आरोप

खतरे में कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार? भाजपा पर विधायकों को बंधक बनाने का आरोप

Mar 04, 2020
11:13 am

क्या है खबर?

मंगलवार रात को कांग्रेस ने भाजपा पर उसकी मध्य प्रदेश सरकार को समर्थन देने वाले 10 विधायकों को हरियाणा के एक होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया। इनमें कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक शामिल हैं। उसने भाजपा पर विधायकों को 25-30 करोड़ रुपये का ऑफर देने का आरोप लगाया है। बुधवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने छह विधायक वापस आने का दावा करते हुए कहा कि बाकी चार विधायकों को भी जल्द वापस लाया जाएगा।

विधानसभा समीकरण

कुछ ऐसा है मध्य प्रदेश विधानसभा का हाल?

230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसने बसपा के दो, समाजवादी पार्टी के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रखी है यानि उसकी सरकार को कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। विधानसभा में भाजपा के 115 विधायक हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि कांग्रेस सरकार बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं है और कुछ विधायकों के टूटने से उसके गिरने का खतरा है।

आरोप

मंगलवार को शुरू हुआ पूरा सियासी नाटक

मौजूदा सियासी नाटक मंगलवार को शुरू हुआ जब दिग्विजय ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और उसके विधायकों को 25-30 करोड़ रुपये का लालच देकर पार्टी बदलने को कह रही है। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत वरिष्ठ भाजपा नेता एक साजिश के तहत आठ विधायकों को जबरदस्ती हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं।"

जानकारी

मानेसर के ITC होटल में ठहरे हैं 10 विधायक

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार के 10 विधायक गुरूग्राम से सटे मानेसर के ITC होटल में ठहरे हुए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा हरियाणा पुलिस की मदद से इन विधायकों को बाहर नहीं निकलने दे रही है।

प्रयास

देर रात होटल पहुंचे कांग्रेस नेता

मंगलवार देर रात दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी अपने विधायकों से मिलने के लिए होटल पहुंचे, लेकिन उनके आरोपों के अनुसार उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया। बाद में एक वीडियो में जयवर्धन और पटवारी को निलंबित बसपा विधायक रमाबाई के साथ होटल से बाहर निकलते हुए देखा गया। नागरिकता कानून (CAA) का समर्थन करने के लिए मायावती ने रमाबाई को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

बयान

दिग्विजय ने कहा- छह विधायक वापस आए

मंगलवार पूरी रात और बुधवार सुबह तक ये सियासी नाटक चलता रहा और कांग्रेस लगातार अपने विधायकों से संपर्क साधने का प्रयास करती रही। इसके बाद बुधवार सुबह दिग्विजय ने बताया कि कांग्रेस छह विधायकों को वापस लाने में कामयाब रही है और अब मात्र चार विधायक होटल के अंदर बचे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से तीन विधायक कांग्रेस के हैं जबकि एक विधायक निर्दलीय है और उन्हें वापस लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

आरोप

दिग्विजय बोले- शिवराज के साथ होनी थी विधायकों की बैठक

इस दौरान आरोप लगाते हुए दिग्विजय ने कहा, "हमारे विधायकों को धोखा देकर लाया गया था। होटल में हमारे दो मंत्रियों जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ भाजपा के लोगो ने गुंडागर्दी की... भाजपा के पास बेहिसाब पैसा है। शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी... पैसे का प्रबंध नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक कर रहे थे। सबको लेकर बैंगलोर जाने की तैयारी थी।"

प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले- सरकार सुरक्षित, डरी हुई है भाजपा

इस घटनाक्रम पर बयान देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "विधायकों ने मुझे बताया कि उन्हें काफी धनराशि देने का प्रस्ताव मिला है। मैंने विधायकों से कहा है कि अगर मुफ्त में यS पैसा मिल रहा है तो वे इसे ले लें।' उन्होंने कहा कि भाजपा डरी हुई है क्योंकि आने वाले समय में उसके 15 साल के घाेटालों का खुलासा होना है।

भाजपा का जबाव

भाजपा ने घटनाक्रम को बताया कांग्रेस की आंतरिक कलह

वहीं भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम से कोई भी संबंध होने से इनकार करते हुए इसे कांग्रेस की आंतरिक कलह बताया है। राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा, "दिग्विजय सिंह राज्यसभा के लिए दोबारा चुने जाने के लिए पूरे प्रयास कर रह हैं क्योंकि उनका कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। इसके अलावा वे खुद को कमलनाथ सरकार के शुभचिंतक के तौर पर दर्शाते चाहते हैं ताकि अपनी समानांतर सरकार चला सके।"