CAA, NRC से नहीं जाएगी किसी की नागरिकता, विरोध में प्रस्ताव की जरूरत नहीं- अजित पवार
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA), प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर 'गलत जानकारी' फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इससे किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता वापस नहीं ली जा सकती।
गौरतलब है कि देशभर में नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। महाराष्ट्र में भी इसे लेकर बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए हैं।
जानकारी
विधानसभा में प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं- पवार
NCP के एक अधिवेशन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि नागरिकता कानून, NRC और NPR से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। इसलिए महाराष्ट्र विधानसभा में इनके खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है।
बयान
CAA को लेकर फैलाई जा रही गलत जानकारी- पवार
जब पवार से बिहार विधानसभा द्वारा NRC के खिलाफ पारित किए प्रस्ताव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे लेकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं।
उन्होंने लोगों को इन मामलों के बारे में जागरूक करने की जरूरत बताई।
बता दें, बिहार विधानसभा ने बीते महीने राज्य में NRC लागू न करने के खिलाफ और NPR की प्रक्रिया को पुराने फॉर्मेट में कराने की मांग का प्रस्ताव पारित किया था।
विरोध
शरद पवार कर चुके हैं नागरिकता कानून का विरोध
अजित पवार का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने दिसंबर में कहा था कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की तरह महाराष्ट्र को भी नागरिकता कानून लागू करने के इनकार करना चाहिए।
उन्होंने डर जताया था कि इस कानून की वजह से देश के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने पर बुरा असर पड़ेगा। NCP नेता नवाब मलिक ने भी पिछले महीने कहा था कि राज्य में NRC लागू नहीं होगा।
जानकारी
CAA, NPR और NRC के विरोध में है कांग्रेस
दूसरी तरफ NCP और शिवसेना के साथ सरकार में भागीदार कांग्रेस ने मांग की थी कि राज्य विधानसभा को NPR और नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भी इन तीनों मुद्दों का विरोध कर रही है।
प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था CAA से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि NPR जनगणना का एक हिस्सा है और वो इसे नहीं रोकेंगे।
हालांकि, उन्होंने NPR का फॉर्म खुद देखने की बात कही थी।
ठाकरे ने कहा था कि CAA और NRC दो अलग विषय हैं और NPR तीसरा विषय है। NRC नहीं आएगा क्योंकि यदि NRC लागू किया जाता है तो इससे मुसलमानों, हिंदुओं, आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यकों को भी परेशानी होगी।"
जानकारी
NRC और NPR क्या है?
NRC एक रजिस्टर है, जिसमें देश के नागरिकों का नाम शामिल किया जाता है। इससे बाहर रहने वाले लोग देश के नागरिक नहीं माने जाते। अभी तक यह केवल असम में लागू है।
पहले सरकार ने इसे देशभर में लागू करने की बात कही थी। बाद में कहा गया है कि अभी इस पर बातचीत नहीं हुई।
वहीं NPR के तहत देश में रह रहे स्थानीय निवासियों एक सूची तैयार की जाएगी। इसमें लोगों से अलग-अलग सवाल पूछे जाएंगे।
विरोध की वजह
NPR पर सवाल क्यों उठ रहे?
NPR पर सवाल उठने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इसे NRC का पहला कदम माना जा रहा है। सरकार NPR कराने के बाद डाटा को सत्यापित कर NRC में इस्तेमाल कर सकती है।
इस प्रक्रिया के दौरान अगर रजिस्ट्रार को किसी व्यक्ति पर संदेह हुआ तो वह उसे संदिग्ध नागरिक की सूची में डाल सकता है।
इसके अलावा NPR में पूछे जाने वाले सवालों को लेकर भी विवाद है। विपक्षी पार्टियां इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर हैं।