RBI के वित्त वर्ष में हुआ बदलाव, अब सरकार के साथ चलेगा
अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का वित्त वर्ष भी सरकार के वित्त वर्ष के साथ चलेगा। शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में RBI ने फैसला किया कि उसके लिए 2019-20 का वित्त वर्ष 30 जून, 2020 को खत्म होगा और नया वित्त वर्ष (2020-21) 1 जुलाई, 2020 से शुरू होकर 31 मार्च, 2021 तक चलेगा। इसके बाद हर साल नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होने लगेगा। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
अभी तक ये था दोनों में अंतर
अभी तक सरकार और RBI दोनों 'टी प्लस वन' सिस्टम इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब यह होता है कि वित्त वर्ष दो लगातार सालों तक चलता रहता है। इसके बावजूद दोनों में एक अंतर हैं। सरकार के लिए वित्त वर्ष 'T' के 1 अप्रैल (पहले साल) से शुरू होता है और अगले साल 'T+1' को खत्म होता है। वहीं RBI के लिए वित्त वर्ष 1 जुलाई को शुरू होता है और अगले साल 30 जून को खत्म होता है।
आठ दशकों बाद बदलेगा वित्त वर्ष
अगर RBI के इस कदम को मंजूरी मिलती है तो केंद्रीय बैंक का आठ दशकों से चला आ रहा नियम बदल जाएगा। 1935 में स्थापित हुआ RBI पहले जनवरी-दिसंबर तक वित्त वर्ष मानता था। 1940 ने इसमें बदलाव करते हुए इसे जुलाई-जून कर दिया था।
विमल जालान समिति ने की थी सिफारिश
फिलहाल RBI का वित्त वर्ष 1 जुलाई से अगले साल 30 जून तक होता है। विमल जालान समिति ने RBI का वित्त वर्ष सरकार के वित्त वर्ष के समान करने की सिफारिश की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे रिजर्व बैंक को सरकार को अंतरिम लाभांश देने की जरूरत नहीं रह जाएगी। समिति ने अपनी सिफारिशों में यह भी कहा था कि रिजर्व बैंक की आर्थिक पूंजी व्यवस्था की प्रत्येक पांच साल में समीक्षा की जानी चाहिए।
RBI ने दी डिजिटल ट्रांजेक्शन की सलाह
दूसरी तरफ कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच RBI ने ग्राहकों से डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं को इस्तेमाल करने की अपील की थी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कोरोना के मामलों को रोकने के लिए डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।