मनमोहन के बाद गांधी परिवार से भी वापस ली गई SPG सुरक्षा, Z+ कवर में रहेंगे
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने गांधी परिवार की स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अब SPG सुरक्षा की बजाय CRPF की Z+ सुरक्षा दी जाएगी।
देश में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केवल गांधी परिवार को SPG सुरक्षा मिली हुई थी।
बता दें कि हाल ही में राहुल पर आरोप लगाया गया था कि वो अपनी विदेश यात्राओं की जानकारी SPG से शेयर नहीं करते हैं।
चिंता
विदेश दौरे पर गांधी परिवार नहीं लेता था SPG सुरक्षा
SPG सुरक्षा प्राप्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में विदेश गए थे। कहा जाता है कि गांधी परिवार निजता का हवाला देकर SPG सुरक्षाकर्मियों को अपने साथ विदेश दौरों पर नहीं ले जाता।
सोनिया, राहुल और प्रियंका देश में SPG सुरक्षा के घेरे में रहते हैं। विदेश दौरे के दौरान SPG जवान पहले पड़ाव तक गांधी परिवार के साथ जाते थे, लेकिन इसके बाद उन्हें वापस देश भेज दिया जाता था।
आरोप
सुरक्षा व्यवस्था मे SPG का सहयोग नहीं कर रहा था गांधी परिवार- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक, गांधी परिवार पिछले समय से सुरक्षा व्यवस्था में SPG का सहयोग नहीं कर रहा था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2015 से लेकर अब तक 1,892 मौकों पर बुलेट-प्रूफ कार में सफर नहीं किया है, जबकि नियमों के मुताबिक, उन्हें बुलेट प्रूफ कार में चलना होता है।
इसके अलावा वो 1991 से लेकर अब तक किए गए 156 विदेश दौरों में से 143 पर SPG को साथ लेकर नहीं गए हैं।
आरोप
सोनिया और प्रियंका ने भी तोड़े नियम- सूत्र
सोनिया गांधी ने 2015-19 के दौरान 50 मौकों पर बुलेट-प्रूफ कार का इस्तेमाल नहीं किया। इनमें से 49 मौकों पर उनकी गाड़ी को राहुल चला रहे थे।
वो अपनी 24 विदेश यात्राओं पर SPG को साथ लेकर नहीं गईं।
प्रियंका गांधी ने 339 मौकों पर बुलेट-प्रूफ कार से सफर नहीं किया। उन्होंने अपने 99 में से 21 विदेशी दौरों पर SPG की सुरक्षा ली।
साथ ही उन्होंने SPG पर उनकी निजी जानकारी इकट्ठा कर शेयर करने का आरोप लगाया।
नियमों में बदलाव
हाल ही में केंद्र सरकार ने बदले थे SPG के नियम
कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को मिलने वाली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की सुरक्षा के नियमों में बदलाव किया था।
इन नियमों के मुताबिक, यह सुरक्षा प्राप्त सभी व्यक्तियों को SPG सुरक्षाकर्मियों को अपने विदेश दौरे के दौरान भी साथ ले जाना पड़ेगा।
नियम नहीं मानने पर सुरक्षा के लिहाज से उनकी विदेश यात्रा रद्द करने का प्रावधान किया गया था। उस समय देश में केवल चार लोगों को यह सुरक्षा मिलती थी।
गठन
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था SPG का गठन
SPG का गठन 1985 में पू्र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था।
1988 में संसद ने SPG कानून पारित किया था। इसका काम प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करना था।
1989 में वीपी सिंह सरकार ने राजीव गांधी से SPG सुरक्षा वापस ले ली थी। उनकी हत्या के बाद SPG कानून में बदलाव किया गया।
इसके बाद प्रधानमंत्री, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की जिम्मेदारी SPG को सौंपी गई।
समीक्षा
हर साल होती है समीक्षा
साल 2002 में SPG कानून में एक और संशोधन कर सुरक्षा का सालाना समीक्षा का प्रावधान किया गया।
अब केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय हर साल SPG सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है।
अगर ऐसा महसूस किया जाता है कि किसी महत्वूपर्ण व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा नहीं है तो उनसे SPG कवर वापस ले लिया जाता है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को SPG की जगह Z+ सुरक्षा दी गई थी।