14 दिनों तक क्वारंटाइन कैंपों में रखे जाएंगे उत्तर प्रदेश और बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन के दौरान शहरों से वापस अपने गांवों की तरफ लौट रहे लाखों प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि किसी भी मजदूर को बिना क्वारंटाइन के सीधे घर नहीं जाने दिया जाएगा। ये घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब मजदूरों के पैदल घर पहुंचने की कोशिशों के बाद राज्य सरकारों ने उनके लिए बसें लगाई हैं।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद घरों को लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर
कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलना है। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद शहरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने गांवों की तरफ पलायन शुरू कर दिया। भूखे पेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाते इन मजदूरों की तस्वीरें सामने आने के बाद राज्य सरकारों ने इनके लिए बसों की व्यवस्था का ऐलान किया।
मजदूरों के गांव पहुंचने पर खतरे में पड़ जाएगा लॉकडाउन का पूरा मकसद
इन मजदूरों के बड़ी संख्या में गांवों में पहुंचने से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लॉकडाउन के लक्ष्य के खतरे में पड़ने की आशंका है और इसलिए अब राज्यों ने इन मजदूरों को 14 दिन के क्वारंटाइन में रखने का ऐलान किया है।
प्रवासी मजदूरों को 14 दिन सरकारी कैंप में रखेगी उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "इन सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के लिए सरकारी कैंप में रहना होगा। उन्हें उनके घर नहीं लौटने दिया जाएगा।" राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों से पिछले तीन दिन में वापस लौटने वाले 1.5 लाख प्रवासी मजदूरों की पहचान करने और उन्हें सरकारी कैंप में क्वारंटाइन करने को कहा है। यहां खाने समेत उनकी बाकी दैनिक जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
देवरिया में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद घर भेजे गए मजदूर
हालांकि इस बीच शनिवार रात को राज्य के देवरिया जिले में पहुंचे मजदूरों को तापमान चेक करने (थर्मल स्क्रीनिंग) के बाद उनके घर भेज दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि केवल संदिग्ध मामलों को क्वारंटाइन किया जाएगा।
नीतीश कुमार ने दिया सीमावर्ती जिलों में कैंप लगाने का आदेश
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमावर्ती जिलों में राहत कैंप लगाने का आदेश दिया है। अन्य राज्यों से वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के लिए इन कैंपों में क्वारंटाइन किया जाएगा और इसके बाद ही उन्हें उनके घर वापस लौटने दिया जाएगा। मामले पर बोलते हुए नीतीश ने कहा, "लोगों को वापस घर भेजने की बजाय स्थानीय स्तर पर कैंप लगाना ज्यादाग बेहतर है। जो भी ऐसे कैंप लगाएगा राज्य सरकार उसको पैसे देगी।"
भारत में 979 मामले, 25 की मौत
गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है और अब तक 979 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 25 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक छह लोगों की मौत हुई है जबकि गुजरात में चार और कर्नाटक में तीन लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। सबसे अधिक 186 मामले भी महाराष्ट्र में सामने आए हैं।