LOADING...
उत्तर प्रदेश: वैक्सीनेशन से बचने के लिए नदी में कूदे ग्रामीण, समझाने पर 14 ने लगवाई

उत्तर प्रदेश: वैक्सीनेशन से बचने के लिए नदी में कूदे ग्रामीण, समझाने पर 14 ने लगवाई

May 24, 2021
01:20 pm

क्या है खबर?

पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञ इससे बचने के लिए वैक्सीन को एकमात्र उपाय बता रहे हैं। ऐसे में एक ओर जहां वैक्सीन लगवाने की होड़ में कई राज्यों में वैक्सीन खत्म हो गई है, वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में लोग अफवाहों के कारण वैक्सीन को ठुकरा रहे हैं। यही कारण है कि सिसौड़ा गांव में वैक्सीनेशन करने पहुंची चिकित्सा टीम को देखकर ग्रामीणों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी।

प्रकरण

वैक्सीन को लेकर ग्रामीणों में बैठा हुआ डर

दरअसल, रामनगर तहसील के तराई के 1,500 की आबादी वाले सिसौड़ा गांव के ग्रामीणों में वैक्सीन को लेकर डर बैठा हुआ है। वैक्सीन को लेकर क्षेत्र में एक अफवाह चल रही थी कि यह वैक्सीन नहीं, बल्कि जहरीला इंजेक्शन है और इसके लगाने से हालत बिगड़ सकती है। शनिवार को जब चिकित्सा विभाग की टीम वैक्सीनेशन के लिए गांव पहुंची तो सभी ग्रामीण गांव के बाहर बह रही सरयू नदी के किनारे पर आकर बैठ गए।

छलांग

अधिकारियों के नदी किनारे पहुंचने पर ग्रामीणों ने लगाई पानी में छलांग

इंडिया टुडे के अनुसार उपखंड अधिकारी राजीव शुक्ल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को जब ग्रामीणों के नदी किनारे होने की सूचना मिली तो टीम उन्हें समझाने के लिए मौके पर पहुंच गई। चिकित्सा टीम को आता देखकर ग्रामीणों ने बिना कुछ सोचे समझे सरयू नदी में छलांग लगा दी। इससे स्वास्थ्य विभाग की टीम के हाथ पैर फूल गए और ग्रामीणों से बाहर आने का अनुरोध करने लगे, लेकिन ग्रमीण बाहर आने को तैयार नहीं हुए।

Advertisement

समझाइश

समझाइश करने के बाद भी महज 14 ने लगवाई वैक्सीन

उपखंड अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों के नदी में कूदने के बाद नोडल अधिकारी राहुल त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और कहा कि वैक्सीन लगवाने से उन्हें कोरोना से बचाव मिलेगा। वैक्सीन को लेकर चल रहे सभी दुष्प्रचार महज अफवाह है। इसके बाद कुछ ग्रामीण वैक्सीन लगवाने को तैयार हुए और टीम ने फिर 14 लोगों को वैक्सीन लगाई। उन्होंने बताया कि ग्रमीणों को वैक्सीन को चल रही अफवाहों के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।

Advertisement

हकीकत

कई अध्ययनों में कारगर साबित हो चुकी है वैक्सीन

वैक्सीन के प्रभाविकता को लेकर अब तक कई अध्ययन किए जा चुके हैं और इनमें भारत में काम ली जा रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' प्रभावी पाई गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इनके कोई गंभीर दुष्परिणाम भी सामने नहीं आए हैं। यही कारण है कि अब अधिकतर केंद्रों पर वैक्सीन के लिए कतारें लगी हुई है। इसके चलते राज्यों को वैक्सीनों की कमी से जूझना पड़ रहा है।

जानकारी

वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?

देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 19,60,51,962 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन मात्र 9,42,722 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।

Advertisement