
संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर तीखी बहस आज, राज्यसभा और लोकसभा फिर स्थगित
क्या है खबर?
संसद के मानसून सत्र का एक हफ्ता हंगामेदार बीतने के बाद सोमवार यानी आज से 'ऑपरेशन सिंदूर' पर 32 घंटे की तीखी बहस शुरू होनी है। हालांकि, सोमवार को भी संसद शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा में दोपहर 12 बजे चर्चा की शुरूआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को करनी है जिसके लिए 16 घंटे तय हैं। राज्यसभा में भी इस पर 16 घंटे चर्चा होगी। हालांकि, दोनों सदनों को सुबह 2 बार स्थगित कर दिया गया।
हंगामा
लोकसभा में 1 बजे और राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, जिसमें प्रश्नकाल के तहत सवाल-जवाब होने थे। हालांकि, विपक्ष के हंगामे के चलते इसे दोपहर 12 बजे तक रद्द किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश देखेगा कि विपक्ष ने जानबूझकर प्रश्नकाल को रोका है। इसके बाद सदन 12 बजे फिर शुरू हुई, लेकिन उसे 1 बजे तक स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा भी दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।
चर्चा
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहस में होंगे शामिल?
गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहस में शामिल हो सकते हैं और अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के बोलने को लेकर केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले हफ्ते स्पष्ट कहा था कि विपक्ष यह तय नहीं कर सकता है कि प्रधानमंत्री विषय पर बोलेंगे या नहीं। हालांकि, यह बहस मोदी के ब्रिटेन और मालदीव के दौरे से लौटने के बाद शुरू हो रही है, ऐसे में उनके बोलने की संभावना है।
बयान
डोनाल्ड ट्रंप के बयान और सुरक्षा में चूक को हथियार बनाएगी विपक्ष
विपक्ष 'ऑपरेशन सिंदूर' मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को अपनी बहस का हथियार बनाएगी, जिसमें ट्रंप ने करीब 25 बार भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने में हस्तक्षेप की बात कही है। हालांकि, भारत सरकार ने हर बार इसे नकारा है, लेकिन विपक्ष संसद में जवाब चाहता है। सरकार पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता को केंद्र में रखेगी, लेकिन विपक्ष यहां सुरक्षा में चूक और विफल खुफिया जानकारी को मुद्दा बनाएगी।
संसद
पिछले हफ्ते बहुत कम चली संसद
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था, लेकिन अगले ही दिन जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति के पद से अचानक इस्तीफा देने से राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया। विपक्ष पहले से ही 'ऑपरेशन सिंदूर' और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग कर रहा था, धनखड़ के इस्तीफे से हंगामे ने और जोर पकड़ लिया। हालात ये रहे कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह सदन 4 घंटे भी नहीं चला।