विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद विधेयक पेश करने पर उठाए सवाल, बोला- ये नियम विरुद्ध
विपक्ष के सांसदों ने केंद्र सरकार पर संसद के नियम तोड़ने के आरोप लगाए हैं। सांसदों का कहना है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लंबित है, लेकिन सरकार विधेयक पारित कराने में लगी है, जो कि नियम के खिलाफ है। आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो जाती, तब तक केंद्र सरकार कोई विधेयक संसद में पेश न करे।
क्या बोले राघव चड्ढा?
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "संसदीय परंपरा और नियम यह कहते हैं कि जब भी अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जाता है और उसको माननीय स्पीकर के द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो इस दौरान कोई भी विधेयक सदन में नहीं लाया जा सकता। अगर कोई विधेयक लाया भी जाता है तो उस पर मतदान नहीं किया जाता, जब तक कि अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता।"
चड्ढा ने लगाए नियम तोड़ने के आरोप
चड्ढा ने आगे कहा, "लेकिन इस बार हम देख रहे हैं कि सारे नियम कानून को ताक पर रखते हुए विधेयक पर विधेयक लाए जा रहे हैं। यह दुखदाई है और सीधे तौर पर संसदीय नियमों का उल्लंघन है। मेरी यह अपील केंद्र सरकार से रहेगी कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई विधेयक पेश नहीं किया जाना चाहिए। मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि तब तक कोई विधायी कार्य लोकसभा न करें।"
कांग्रेस ने भी लगाए संसदीय परंपरा तोड़ने के आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार पर नियम तोड़ने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "नियमों और परंपराओं के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होने तक कोई भी विधायी कार्य नहीं किया जा सकता है। हम मणिपुर पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री का बयान चाहते हैं और उसके तुरंत बाद नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए। इस नियम के तहत उठाया जाने वाला मुद्दा अन्य सभी मुद्दों पर प्राथमिकता रखता है।"
मणिपुर पर संसद में हो रहा है हंगामा
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा हो रहा है। विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ी हुई है। 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा है, जब संसद की कार्यवाही स्थगित न की गई हो। कल सदन में विपक्षी पार्टियों के नेता काले कपड़े पहनकर आए थे। आज भी हंगामे के बाद राज्यसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।