
CBI प्रमुख प्रवीण सूद को मिला एक साल का सेवा विस्तार, जानिए क्या रहा कारण
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक प्रवीण सूद को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया।
दरअसल, उनके उत्तराधिकारी पद के लिए किसी नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सूद को सेवा विस्तार देने पर सहमति जता दी। ऐसे में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया।
कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के IPS अधिकारी सूद का कार्यकाल 24 मई को समाप्त होने वाला था।
बैठक
नए CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए हुई थी बैठक
नए CBI प्रमुख का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में नियुक्ति समिति की बैठक भी आयोजित की थी।
इस समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना भी शामिल हैं।
हालांकि, बैठक में किसी भी नाम पर कोई आम सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में समिति ने सूद को ही एक साल का सेवा विस्तार देने का निर्णय कर लिया।
बाध्यता
CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए आवश्यक शर्तें
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 6 महीने से कम का कार्यकाल वाले किसी भी अधिकारी को CBI निदेशक बनाए जाने पर विचार नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि निदेशक का कार्यकाल 2 वर्ष से कम नहीं हो सकता और उसे नियुक्ति समिति की सहमति से ही बढ़ाया जा सकता है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के तहत भी CBI निदेशक के कार्यकाल को 2 वर्ष ही निर्धारित किया गया है।
कार्यकाल
सूद ने कब संभाला था CBI निदेशक का कार्यभार?
कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) रहे सूद ने मई 2023 में 2 साल के लिए CBI निदेशक का कार्यभार संभाला था। उन्होंने अपने सुबोध जायसवाल का स्थान लिया था।
1986 बैच के सूद ने 1989 में मैसूर में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
बाद में उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त (DCP) के रूप में तैनात होने से पहले बेल्लारी और रायचूर में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में भी कार्य किया था।
प्रतिनियुक्ति
सूद 3 साल तक मॉरीशस में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे
सूद 1999 से 2002 तक मॉरीशस में प्रतिनियुक्ति पर रहे। उन्होंने बेंगलुरु के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बैंगलोर और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन का अध्ययन किया।
उन्होंने 2004 से 2007 तक मैसूर पुलिस आयुक्त, 2008 से 2011 तक बेंगलुरु यातायात पुलिस में ACP और 2013-14 में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला।
उसके बाद उन्होंने गृह विभाग में प्रधान सचिव और DGP का भी पद संभाला।