मणिपुर पर किसी भी नियम के तहत संसद में चर्चा के लिए तैयार हुआ विपक्ष- रिपोर्ट
मणिपुर हिंसा पर संसद में चल रहा घमासान थम सकता है। खबर है कि विपक्ष किसी भी नियम के तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हो गया है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि वो मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर कायम है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है, जिसमें विपक्ष मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा हुआ है।
पहले नियम 267 के तहत चर्चा करना चाहता था विपक्ष
पहले विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने मणिपुर पर संसद के नियम 267 के तहत चर्चा करने की मांग की थी। इस नियम के तहत किसी भी मुख्य मुद्दे को उठाने के लिए बाकी सभी संसदीय कार्य निलंबित किए जाते हैं। दूसरी ओर, सरकार नियम 176 के तहत अल्प चर्चा के लिए तैयार होने की बात कह रही है। इसी वजह से विपक्ष और सरकार संसद में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं।
नेता विपक्ष खड़गे से मिले सत्ता पक्ष के नेता
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ये फैसला आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है। दोनों नेताओं ने आज खड़गे के चैंबर में विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए पहले भी कई बार इस तरह की मुलाकात हो चुकी हैं। हालांकि, विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा के लिए ज्यादा समय मांगा है।
हंगामे की भेंट चढ़ रहा है मानसून सत्र
बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। हालांकि, सत्र शुरू होने के बाद से अब तक एक भी ऐसा दिन नहीं रहा, जब हंगामे के चलते लोकसभा या राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित न की गई हो। आज भी सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया था। सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान को लेकर हंगामा कर रहा है।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है विपक्ष
मणिपुर पर विस्तृत चर्चा और संसद में प्रधानमंत्री के बयान को लेकर विपक्ष 26 जुलाई को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। इस पर 8 से लेकर 10 अगस्त तक 3 दिन चर्चा होगी। 10 अगस्त को प्रधानमंत्री प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं है। विपक्ष भी कह चुका है कि उसका लक्ष्य अविश्वास प्रस्ताव को जीतना नहीं, बल्कि चर्चा करना है।