#NewsBytesExplainer: राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने का आगे का रास्ता क्या है?
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने से उनके संसद में दोबारा प्रवेश का रास्ता साफ हो गया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा सचिवालय उनकी सदस्यता बहाल करने में कितना समय लेगा। आगामी 8 अगस्त को मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बहस होनी है। कांग्रेस चाहेगी कि राहुल भी इस दौरान सदन में उपस्थित रहें। आइए जानते हैं कि सांसदी बहाल होने की पूरी प्रक्रिया क्या है।
संसद सदस्यता बहाली होने की प्रक्रिया क्या है?
संसद के नियमानुसार, राहुल या किसी कांग्रेस सांसद को लोकसभा सचिवालय को एक आवेदन देना होगा। इसमें बताना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है और वायनाड से संसद सदस्य के रूप में उनकी स्थिति बहाल की जानी चाहिए। आवेदन में कोर्ट के आदेश की एक प्रति भी सचिवालय में जमा करानी होगी, जिसके अध्ययन के बाद संसद सदस्यता बहाल होने की एक अधिसूचना जारी होगी। हालांकि, इस प्रक्रिया की समयसीमा निश्चित नहीं है।
राहुल की तरह सांसद फैजल का मामला क्या था?
राहुल की संसद सदस्यता रद्द और बहाली का मामला लक्षद्वीप के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद मोहम्मद फैजल के हालिया मामले से मिलता-जुलता है। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में लक्षद्वीप से सांसद चुने गए थे। इसी साल जनवरी में लक्षद्वीप की एक सेशन कोर्ट ने उन्हें हत्या के 2009 के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद फैजल की सांसदी चली गई थी।
फैजल की सांसदी बहाली में लगा कितना समय?
NCP सांसद फैजल को सेशन कोर्ट ने 11 जनवरी, 2023 को 10 साल की सजा सुनाई थी। उन पर दोषसिद्धि के बाद 13 जनवरी को सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी। फैजल ने 18 जनवरी को सजा के आदेश के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। 25 जनवरी को हाई कोर्ट ने सजा को रद्द कर दिया, लेकिन 2 महीने बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर 29 मार्च को उनकी सांसदी बहाल हो पाई।
कांग्रेस मामले में क्या कर रही है?
राहुल के मामले में कांग्रेस ने थोड़ा भी समय बर्बाद नहीं किया है। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे राहुल की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से निवेदन किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को सदन की बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाए और वह चाहते हैं कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल भी बोलें।
क्या अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल हो पाएंगे राहुल?
सारे तथ्यों पर गौर करने के बाद ये साफ होता है कि राहुल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल हो पाएंगे या नहीं, ये लोकसभा सचिवालय पर निर्भर करता है। सचिवालय के सोमवार तक फैसला लेने के बाद ही राहुल चर्चा में शामिल हो पाएंगे।
क्या है मोदी सरनेम से संबंधित मानहानि का पूरा मामला?
राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में पूछा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस टिप्पणी को लेकर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। मार्च में सूरत कोर्ट ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी सांसदी रद्द हो गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।