किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं पर नहीं खोदी गई कोई सड़क- गृह मंत्रालय
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं पर कोई भी सड़क नहीं खोदी गई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि सीमा पर किसी भी सड़क को नहीं खोदा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर लोहे की कीलें ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए लगाई गई हैं।
हरियाणा में खोदी गई थीं सड़कें
तीन कृषि कानूनों को वापस करने की मांग के साथ हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार और पुलिस ने रास्तों में कई बाधाएं खड़ी की थीं। कई जगहों पर बैरिकेडिंग की गई तो कई जगहों पर सड़कें खोद दी गई थीं। इसके बाद सरकार पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के भी आरोप लगे।
हिंसा रोकने के लिए की गई बैरिकेडिंग- रेड्डी
जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर बॉर्डर के पास बैरिकेंडिंग मजबूत की गई ताकि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा जैसी घटनाएं फिर से न हों। गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन स्थलों के पास बैरिकेडिंग को मजबूत करते हुए सडकों पर कीलें गाड़ दी थीं। इस कदम की काफी आलोचना की गई थी।
किसानों ने किया अनुमति का उल्लंघन- रेड्डी
रेड्डी ने बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के मंच संयुक्त किसान मोर्चे ने गणतंत्र दिवस पर बैरिकेडिंग तोड़कर अनुमति का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि रोके जाने के बावजूद किसान शहर में घुस आए और बैरिकेडिंग तोड़ी। इस अनुभव और जिस तरीके से किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने और पुलिसकर्मियों को चोटिल करने के लिए ट्रैक्टरों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया था, उसे देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग मजबूत की गई।
हिंसा के बाद पुलिस ने दर्ज किए 38 मामले
रेड्डी ने राज्यसभा को जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद कानूनों का उल्लंघन करने वाले और साइबर अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए हैं। इनमें विदेशी लोग भी शामिल हैं।
किसानों के प्रदर्शन की वजह क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।